जबलपुर। मध्यप्रदेश पशु चिकित्सा छात्र संघ ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा अनुसार पांच हजार पशु इकाई पर एक स्रातक पशु चिकित्सक होना चाहिए। संघ के सदस्यों ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि आयोग की अनुशंसा अनुसार प्रदेश में 72 सौ से अधिक पशु चिकित्सकों की आवश्यकता है। वर्तमान में पशु चिकित्सकों के स्वीकृत पदों की संख्या एक हजार 671 है, जिसमें से एक तिहाई पद रिक्त हैं। संघ के सदस्य डॉ आशुतोष पाठक ने बताया कि प्रदेश की लगभग 73 प्रतिशत आबादी कृषि व पशुपालन पर आश्रित है।
वर्ष 2018 में हुई पशु गणना के अनुसार प्रदेश में 4 करोड़ पशु इकाई हैं। राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा अनुसार प्रदेश में सात हजार 266 पशु चिकित्सकों की आवश्यकता है। प्रदेश में लगभग 12 सौ से अधिक पशु चिकित्सक बेरोजगार हैं, इसके बावजूद सरकार निजी वेटरनरी कॉलेज को मान्यता देने की तैयारी में है,जिससे बेरोजगार पशु चिकित्सकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। संघ ने सरकार से मांग की कि प्रदेश में पशु चिकित्सकों के पदों की संख्या सात हजार की जाये।