भोपाल। मध्यप्रदेश में निर्माण को बढ़ावा देने के लिये कलेक्टर गाइड लाइन दर में 20 प्रतिशत की कमी की जायेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में यहां मंत्रालय में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में गाइड लाइन की दरों में 20 प्रतिशत की कमी की जायेगी। इसके साथ ही देय शुल्क में आवश्यक वृद्धि की जायेगी। इससे शासन का कुल राजस्व सुरक्षित रहेगा और रजिस्ट्री की कुल देय राशि में नगण्य परिवर्तन होगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्टाम्प डयूटी, पंजीयन शुल्क, उपकर, अतिरिक्त डयूटी का भार प्रदेश में 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.5 प्रतिशत और नगरीय क्षेत्र में 10.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया जायेगा। पत्नी और पुत्री को सम्पत्ति में सह स्वामी के रूप में सम्मिलित करने के लिए स्टाम्प शुल्क 1000 रूपये तथा पंजीयन फीस 100 रूपये की अधिकतम सीमा के अध्याधीन रखा जायेगा। वर्तमान में इस पर मूल्यानुसार स्टाम्प शुल्क एक प्रतिशत तथा पंजीयन फीस 0.8 प्रतिशत है। परिवार में आंतरिक बंटवारों को सुगम बनाने के लिए पारिवारिक विभाजन में स्टाम्प शुल्क की वर्तमान दर 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने का निर्णय भी लिया गया है।