गर्मी के कारण तापमान बढ़ने लगा है, ऐसे में त्वचा सूखी और बेजान होने लगती है। त्वचा पर कील और मुंहासे होना शुरू हो जाते हैं। इन समस्याओं को हल करने के लिए स्वस्थ भोजन का सेवन करना बेहद फायदेमंद है तथा खरबूज, अमरुद और मौसंबी जैसे मौसमी फलों का सेवन करने से शरीर में से अतिरिक्त नमक कम करने में मदद होती है।
डॉ. श्रुति एम हेगड़े, आयुर्वेद एक्सपर्ट का कहना है कि आयुर्वेदिक ग्रंथों और आधुनिक शोध के अनुसार नीम त्वचा के लिए सबसे प्रभावी पौधों में से एक है। औषधीय वनस्पति का उपयोग अधिक करना चाहिए जिससे चेहरे की चमक बनी रहे। नीम चेहरे पर से मुंहासे, कील, जलन कम करने में मदत करता है।
बेहतर घरेलू औषधि
आज से नहीं, सदियों से नीम का एक प्राकृतिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। बीमारियों के साथ-साथ स्वस्थ त्वचा के लिए भी इसका प्रयोग बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है। स्किन संबंधी सामान्य समस्याएं जैसे रूखी त्वचा, रैशेस, एलर्जी और सूजन से ग्रसित व्यक्तियों के लिए नीम एक बेहतर घरेलू औषधि है। विज्ञान में नीम को एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीसेप्टिक दवा भी माना जाता है। तेलीय और मुंहासे वाली त्वचा के लिए ये एक वरदान है। मुंहासे और तेलीय त्वचा के लिए बाजार में मिलने वाले उत्पादों के निर्माण में नीम का उपयोग किया जाता है। खूबसूरत त्वचा पाने से लेकर त्वचा संबंधी बीमारियों को खत्म करने तक सभी के लिए नीम का प्रयोग किया जाता है।
हानिकारक प्रभाव से बचाए
नीम त्वचा की चमक बनाने रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले आयुर्वेदिक चीजों में से एक है, इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो त्वचा को साफ करने में मदद करते हैं। औषधीय वनस्पति में डिटॉक्सिफाइंग और एंटीआॅक्सीडेंट गुण होते हैं, जो यूवी रेज के हानिकारक प्रभाव से त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाते हैं। यह सरल प्राकृतिक विधि गर्मियों के दौरान आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने और त्वचा की चमक बनाए रखने में मदद करेगी।