जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में दुष्कर्म के आरोपी अटेर से कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे की ओर दे दाखिल दो याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान नाटकीय घटनाक्रम हो गया। दोपहर बाद जैसे ही न्यायाधीश राजीव कुमार दुबे ने कटारे की दोनों याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई शुरू की, तभी दुष्कर्म पीड़िता पत्रकारिता की छात्रा अपनी मां के साथ कोर्ट रूम में आ धमकी। उसने बिफर कर जज को बताया कि विधायक द्वारा उसे लगातार धमकी दी जा रही है। उसने जज को यहां तक कह दिया कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी।
पीड़िता की ओर से अधिवक्ता कपिल शर्मा ने कहा कि अगर आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगती है तो उसके मुवक्किल को मुश्किल हो सकती है। उन्होंने कहा कि कटारे प्रभावशाली है और उसने पहले ही पीड़िता को धमकी दी है। ऐसे में अगर पीड़िता या उसकी मां को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
सभी रह गए सन्न
कोर्ट रूम में पीड़िता द्वारा आत्महत्या की चेतावनी देने पर सभी सन्न रह गए। न्यायाधीश दुबे ने पीड़िता और उसकी मां के अधिवक्ता कपिल शर्मा से कहा कि वे मां-बेटी को शांत करवाएं या कोर्ट रूम से बाहर जाने के लिए कहें। इस पर अधिवक्ता ने पीड़िता और उसकी मां को समझाइश दी और दोनों कोर्ट रूम से बाहर चली गईं। इसके बाद कटारे की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई प्रारंभ हुई। ज्ञात हो की पीड़िता मंगलवार को महिला आयोग भी पहुंची थी और उसने विधायक की गिरफ्तारी की मांग की थी।
हाई कोर्ट ने 6 तक लगाई गिरफ्तारी पर रोक
हेमंत कटारे की ओर से लगाई गई दोनों याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निर्देश दिए कि 6 मार्च तक पुलिस उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करे। भोपाल पुलिस द्वारा पत्रकारिता की छात्रा की शिकायत पर बलात्कार तथा उसकी मां की शिकायत पर अपहरण का प्रकरण दर्ज किए जाने के खिलाफ कटारे ने उच्च न्यायालय में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। दोनों याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण एकलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 6 मार्च को निर्धारित की है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करे।
उप महाधिवक्ता का तर्क
सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता संजय द्विवेदी ने कहा कि अभी पूरा मामला विवेचना के अधीन है। जांच चल रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत कोर्ट गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगा सकती। उसके लिए आरोपी अलग से अग्रिम जमानत पेश कर सकता है।
यह है विधायक की याचिकाओं में
- कटारे की तरफ से दायर की गई दो अलग-अलग याचिकाओं में भोपाल महिला थाने द्वारा पत्रकारिता की छात्रा की शिकायत पर दर्ज बलात्कार के अपराध तथा बजरिया खाने में उसकी मां की शिकायत पर दर्ज अपहरण के अपराध को चुनौती दी गई है।
- याचिकाओं में कहा गया है कि छात्रा उसे ब्लैकमेल कर रही थी। इसकी शिकायत उसने भोपाल में पुलिस की अपराध शाखा में की थी। अपराध शाखा की टीम ने उसे पांच लाख रुपए की रकम लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
- कटारे की ओर से याचिकाओं में कहा गया है कि साजिश के तहत उसके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज करवाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि उसके खिलाफ दायर प्राथमिकी खारिज की जाए तथा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई जाए।