जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर द्वारा नर्सिंग सिस्टर पद के लिए सीधी भर्ती किये जाने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जबाव तलब करते हुए अगली सुनवायी तक चयन सूची तैयार करने पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विशाल घगट की एकलपीठ ने आज याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अगली सुनवाई तक चयन सूची तैयार करने पर रोक लगा दी है।
याचिकाकर्ता राजीव कुमार गुप्ता, श्रीकांत शर्मा और एक अन्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में स्टॉफ नर्स के रूप में कार्यरत है। मेडिकल कॉलेज ने नर्सिंग नर्स के लिए 18 दिसंबर को एक विज्ञापन जारी किया था। नर्सिंग स्टॉफ के 56 पदों में से 53 पदों के लिए सीधी भर्ती के तहत आवेदन मांगे थे। निर्धारित शर्त के अनुसार अनावेदकों के पास पांच साल का अनुभव होना चाहिए तथा उनकी उम्र 45 साल से अधिक नहीं होना चाहिए।
याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सकीय सेवा अधिनियम की नियम अनुसार नर्सिंग नर्स के 95 प्रतिशत पद प्रमोशन के अनुसार भरे जाने है। इस नियम के बावजूद भी सीधी भर्ती के लिए आवेदन बुलाकर उनकी स्कूटनी की जा रही है।