रतलाम। करीब 10 करोड़ रुपए के बहुचर्चित राशन घोटाले में शुक्रवार को पुलिस द्वारा जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को इंदौर से गिरफ्तार कर रतलाम लाया गया। रतलाम आने के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस अब इस मामले में अन्य अधिकारियों और जिम्मेदारों पर भी सख्ती से नकेल कसने की तैयारी कर रही है।
सीएसपी विवेकसिंह चौहान ने बताया कि राशन घोटाले में आरोपी जिला आपूर्र्ति अधिकारी आर.सी. जांगड़े सहित अन्य आरोपियों की पुलिस प्रकरण दर्ज होने के बाद से तलाश कर रही थी। सूचना के आधार पर इंदौर से उन्हे पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है।
उनका स्वास्थ्य खराब होने से पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। सीएसपी विवेकसिंह चौहान ने बताया कि पुलिस जांगड़े का इलाज होने के उपरांत उनसे राशन घोटाले के मामले में पूछताछ करेगी और उसके बाद प्रकरण में नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेगी। सूत्र बताते हैं कि इंदौर से रतलाम लाने के दौरान बेटमा में भी जांगड़े को खराब स्वास्थ्य के चलते स्वास्थ्य परीक्षण कराना पड़ा था।
रतलाम में फर्जी राशन कार्डों का मामला
शहर की राशन दुकानों पर बडी संख्या में फर्जी गरीबी राशन कार्डों के आधार पर सस्ता राशन बेचे जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने 26 अप्रैल 2017 को राशन दुकानों की जांच के आदेश दिए थे। जांच दलों ने एक-एक राशन दुकानों पर पहुंच कर राशन कार्डों को सत्यापित करने का काम किया।
करीब आठ महीने चली जांच में हजारों की संख्या में फर्जी परिवारों का पता चला, जिनके नाम पर गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए गए थे और सस्ता अनाज इन राशन कार्डों के नाम पर आवंटित कर खुले बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा था। जांच के दौरान हर राशन की दुकान में औसत 1 करोड़ से ज्यादा का घोटाला मिला है। कुल 8 दुकानों की जांच की गई जिसमें 9.80 करोड़ का घोटाला सामने आया है। जांच के बाद खाद्य एनं निगम में पदस्थ अधिकारियों सहित आठ राशन दुकान संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
आठ दुकानों की जांच में निकला 10 करोड़ का घोटाला
सिटी एसडीएम अनिल भाना द्वारा आठ राशन दुकानों की जांच में कुल 9 करोड़ 80 लाख रुपए का घोटाला सामने आया। जांच रिपोर्ट के आधार पर 14 जनवरी 2018 को शहर एसडीएम अनिल भाना ने स्वयं स्टेशन रोड थाने पर पहुंच कर शासकीय अधिकारियों व राशन दुकान संचालकों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाए।
इस मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी रमेशचन्द्र जांगडे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वंदना बंबेरिया, सहा.आपूर्ति अधिकारी मुकेश पाण्डे, नगर निगम के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी राजेन्द्र सिंह पंवार, तत्कालीन स्वास्थ्य निरीक्षक रवीन्द्र ठक्कर, पोर्टल ठेकेदार यशवंत गर्ग तथा आठ राशन दुकान संचालकों के विरुद्ध गबन, धोखाधडी, कूट रचित दस्तावेजों से षडयंत्र करना, आवश्यक वस्तु अधिनियम और आईटी एक्ट इत्यादि की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए है। इस मामले में आरोपियों की तलास के साथ ही पुलिस की जांच भी जारी है।