भुवनेश्वर। भारतीय महिला हॉकी टीम ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को यहां कलिंगा स्टेडियम में अमेरिका को ओलम्पिक क्वालीफायर्स के पहले मैच में 5-1 से रौंद कर 2020 के टोक्यो ओलम्पिक में जगह बनाने के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता कर ली। रानी रामपाल की अगुवाई में नौवीं रैंकिंग वाली महिला टीम ने 13वें नंबर की टीम अमेरिका को आखिरी दो क्वार्टर में तारे दिखा दिए। भारत ने तीसरे और चौथे क्वार्टर में 11 मिनट के अंतराल में चार गोल दागकर अमेरिका का सारा संघर्ष समाप्त कर दिया। अमेरिका ने अंतिम मिनटों में अपना एकमात्र गोल किया। भारतीय महिला टीम का आखिरी बार अमेरिका से मुकाबला 2018 के महिला विश्व कप में हुआ था जहां भारत ने 1-1 का ड्रा खेला था। लेकिन इस मुकाबले में भारत के तूफानी प्रदर्शन का अमेरिका के पास कोई जवाब नहीं था।
भारत की इस शानदार जीत में ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने दो गोल दागे। पहला क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद लिलिमा मिंज ने 28वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को बढ़त दिला दी। आधे समय तक भारत 1-0 से आगे था। शर्मीला देवी ने 40वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर स्कोर 2-0 कर दिया जबकि गुरजीत कौर ने 42वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर स्कोर 3-0 कर दिया। नवनीत कौर में 46वें मिनट में मैदानी गोल से भारत को 4-0 से आगे कर दिया। भारत को 51वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला और गुरजीत ने भारत का पांचवां गोल दागने में कोई गलती नहीं की। अमेरिका का एकमात्र गोल 54वें मिनट में मिले स्ट्रोक पर एरिन मैटसन ने किया और हार का अंतर कम किया। इस जीत से भारतीय महिला टीम का दूसरी बार ओलम्पिक खेलने का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। इस क्वालिफायर का दूसरा मैच शनिवार को कलिंगा स्टेडियम में ही खेला जाएगा।
भारत को टोक्यो का टिकट पाने के लिए सिर्फ यह मैच ड्रा कराने की जरूरत रहेगी। दूसरी तरफ अमेरिका को अपनी उम्मीदों के लिए न केवल बड़ी जीत हासिल करनी होगी बल्कि गोलों में भारत की बराबरी करनी होगी ताकि अंकों और गोलों के बराबर रहने की स्थिति में शूट आउट का सहारा लिया जा सके। नये प्रारूप के हिसाब से ओलंपिक क्वालीफायर्स में दो मैच होने हैं जिसमें अंकों के आधार पर फैसला होगा कि कौन सी टीम अगले साल टोक्यो ओलंपिक में खेलेगी। जीतने पर तीन अंक और ड्रा रहने पर एक अंक मिलेगा। यदि अंक बराबर रहते हैं तो फिर गोल औसत देखा जाएगा और यदि गोल भी बराबर रहते हैं तो शूट आउट का सहारा लिया जाएगा। यदि शूट आउट बराबर रहता है तो सडन डैथ से ओलम्पिक में जाने वाली टीम का फैसला होगा।