हिरोशिमा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ओलंपिक क्वालिफायर का टिकट हासिल करने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की नजरें यहां चल रहे एफआईएच सीरीज फाइनल्स टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने पर टिक गई हैं। लगातार दो मैच जीत चुकी भारतीय टीम का पूल ए में आखिरी मुकाबला मंगलवार को फिजी जैसी कमजोर टीम से होगा। विश्व रैंकिग में नौंवे नंबर पर मौजूद भारतीय टीम को 44वीं रैंकिग की फिजी को हराने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। भारत ने अपने पहले दो मैचों में उरुग्वे को 4-1 से और पोलैंड को 5-0 से हराया था।
मुख्य कोच शुअर्ड मरिने को विश्वास है कि टीम फिजी के खिलाफ जीत हासिल करेगी लेकिन उन्हें अभी भी लगता है कि सुधार की गुंजाइश मौजूद है क्योंकि टीम को बाद में बड़ी टीमों से मुकाबला करना है। इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली दो टीमों को साल के अंत में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर में खेलने का मौका मिलेगा।
कोच ने कहा, ‘‘इस बात में कोई दो राय नहीं कि टीम अपने पहले दो मैचों में काफी अच्छा खेली। लेकिन उन्हें इस तरह का प्रदर्शन बड़ी टीमों के खिलाफ भी करना होगा। मुझे लगता है कि अभी सुधार की गुंजाइश मौजूद है। हम पेनल्टी कार्नर को गोल में भुनाने में और सुधार ला सकते हैं जिससे हमारे लिए मैच जीतना आसान हो जाएगा। फिजी बेशक कमजोर टीम है लेकिन हम उसे हल्के में नहीं लेंगे और जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाएंगे।’’