आज का समय पहले से ज्यादा डिजीटल हो गया है जिसे देखो वह अपने फोन में लगा रहता है। एक तरह से देखा जाए तो एक स्मार्टफोन में हमारी जिंदगी काफी आसान कर दी है लेकिन अब लोगों को अपने फोन की आदत नहीं बल्कि जरूरत बनती जा रही है। फोन की लत 3 साल की बच्चों से लेकर सभी लोगों में साफ तौर पर इसकी लत देखी जा सकती है। लेकिन दिन भर अपने फोन में लगे रहना एक तरह से बीमारी है और आप कब इस बीमारी के चपेट में आ जाएंगे आपको पता भी नहीं चलता।
फोन से निकलने वाली किरणे हमारी स्वास्थ पर काफी बुरा असर डालती है। लेकिन एक शोध में यह बात सामने आई है कि जरूरत से ज्यादा फोन में लगे रहने वाले जल्द ही डिप्रेशन के शिकार होते है। डिप्रेशन में इसांन अपने आप को सभी से अलग रखना पसंद करता है और भावानात्मक रूप से भी काफी कमजोर हो जाता है। वह अपने चारों तरफ नेगेटिव चीजों को देखता है और धीरे धीरे वह नशे की लत में पड जाता है और नशीले चीजे जैसे शराब,सिगरेट और नशीले पदार्थों के सेवन करने लगता है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन व्यक्ति को डिप्रेशन में ला सकता है।
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा तनाव में घिरे रहते है या डिप्रेशन में रहते है उन लोगों को स्मार्टफोन की लत लगने के चांस ज्यादा होते है। इस रिसर्च में जिन लोगों को शामिल किया गया उन लोगों का कहना है कि जो लोग उदासी,तनाव में रहते है वह लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा करते है। इससे उनको सुकुन मिलता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से हमारी आंखों पर भी काफी बुरा असर पडता है और साथ ही शरीर में कई तरह की परेशानी का भी सामना करना पडता है।