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Health

अब मधुमेह ठीक करेगा करेला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 12 2018 3:28PM | Updated Date: Feb 12 2018 3:28PM
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देश के कृषि वैज्ञानिकों ने करेले की एक ऐसी संकर किस्म का विकास किया है जो मधुमेह बीमारी को नियंत्रित करने में और अधिक कारगर सिद्ध होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने वर्षों के अनुसंधान के बाद करेले की नई किस्म पूसा हाईब्रिड -4 का विकास किया है।  किसानों के लिए इसकी व्यावसायिक खेती करेले की अन्य किस्मों की तुलना में न केवल लाभदायक है बल्कि इसमें अधिक औषधीय तत्व हैं।

नई किस्म में जल्‍दी लगते हैं फल
करेले की अन्य संकर किस्मों की तुलना में नई किस्म में 15 दिन पहले फल लगने लगते हैं और इसका उत्पादन भी 20 से 30 प्रतिशत अधिक है। आईएआरआई के सब्जी अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिक तुषार कांति बेहरा ने बताया कि पूसा हाईब्रिड -4 में पारांटिन, मोमोडीसीन और सपोनीन जैसे तत्व पाये जाते हैं जो इसे मधुमेहरोधी बनाता है। 
 
पित्ताशय को सक्रिय करता है करेला 
मधुमेह के रोगी आहार में करेला की इस किस्म को शामिल करते हैं तो यह पित्ताशय को सक्रिय करता है जिससे इंसुलिन का निर्माण होता है तथा रोगियों को राहत मिलती है। करेले में कैलोरी बहुत कम होती है और यह विटामिन बी 1, बी 2 और बी 3 का अच्छा स्रोत है।  इसमें विटामिन सी, मैग्निशियम, जिंक, फास्फोरस आदि तत्व पाए जाते हैं। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है।  यह रक्त के विकारों को भी ठीक करता है।
 
साल में दो बार लगाई जा सकती है फसल
डॉ बेहरा ने बताया कि आमतौर पर करेले की फसल में 55 से 60 दिनों में फल आने शुरू होते हैं जबकि नई किस्म में 45 दिन में फल लग जाते हैं। इसके साथ ही इसकी पैदावार भी 20 से 30 प्रतिशत अधिक है। गहरे हरे रंग का यह करेला मध्यम लम्बाई और मोटाई का है जिसका औसत वजन 60 ग्राम होता है। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 22 टन से अधिक है। उन्होंने बताया कि नई किस्म दो बार फरवरी के अंत और मार्च में तथा अगस्त एवं सितम्बर के दौरान लगाई जाती है। लगभग चार माह तक इसमें फल लगते हैं और एक एकड़ में इसकी खेती से 50 से 60 हजार रुपए की आय हो सकती है।
 
नई किस्म की होगी भरपूर पैदावार 
करेले की यह एक ऐसी किस्म है जिससे जमीन और मचान पर भी भरपूर पैदावार ली जा सकती है।  इसके पंक्ति से पंक्ति की दूरी डेढ़ मीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 45 से 50 सेंटीमीटर तक उपयुक्त है। देश से जिन सब्जियों का निर्यात किया जाता है उनमें करेला भी शामिल है। खाड़ी के देशों में भारतीय करेले की अच्छी मांग है। इसके अलावा कुछ अन्य देशों में भी इसकी मांग है। देश के सभी प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्यों में करेले की खेती की जाती है।
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