वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बैक्टीरिया का पता लगाया है जो शरीर के अंदर जाकर दिल की बीमारियों के खतरे को कम करेगा। शोध के अनुसार आंत के एक बैक्टीरिया ‘आकेरमानसिया मुसिनिफिलिया' को पाश्च्युकृत कर खाने से दिल संबंधी कई बीमारियों का खतरा कम हो जाएगा। पत्रिका नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ लुवेन के शोधकर्ताओं की टीम ने एक क्लीनिकल शोध किया, जिससे इंसानों में इस बैक्टीरिया के प्रभावों के बारे में जाना जा सके। इस शोध में 40 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिसमें से 32 ने परीक्षण को पूरा किया। शोधकर्ताओं ने मोटे और अत्यधिक मोटे लोगों में आकेरमानसिया बैक्टीरिया के प्रभावों का अध्ययन किया। मोटे लोगों में प्री-डायबीटिज टाइप टू का खतरा होता है और दिल संबंधी बीमारियों के पनपने के कई कारण मौजूद होते हैं। प्रतिभागियों को तीन ग्रुप में बांटा गया। पहला ग्रुप प्लासेबो था, दूसरा ग्रुप उनका था जो जीवित बैक्टीरिया को खा रहे थे और तीसरा ग्रुप उनका था जो पाश्च्युकृत बैक्टीरिया को ले रहे थे। इन सभी प्रतिभागियों से कहा गया कि वे अपनी खानपान और शारीरिक व्यायाम की आदतों में कोई बदलाव न करें। उन्हें आकेरमानसिया बैक्टीरिया का पोषक सप्लीमेंट दिया गया। इस शोध का प्राथमिक मकसद तीन महीने में बिना किसी खतरे के प्रतिभागियों को आकेरमानसिया बैक्टीरिया सप्लीमेंट के जरिए देना था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जीवित बैक्टीरिया और पाश्च्युकृत बैक्टीरिया वाले ग्रुप में यह सप्लीमेंट आसानी से शरीर में घुल गया और इसकी वजह से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ।