इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वाट्सएप पर शॉर्ट और चाइनीज वीडियो खूब पसंद और शेयर किए जा रहे हैं। शॉर्ट वीडियो शेयरिंग चाइनीज ऐप्स ने भारत के छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक में यूजर्स के मोबाइल पर कब्जा कर लिया है। टिक टॉक, लाइक, वीगो वीडियो जैसे ऐप्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इन चाइनीज ऐप्स ने सरकार के साथ-साथ लोगों को परेशान भी कर दिया है। इसका कारण बड़ी संख्या में अनुचित वीडियो बनना है। चाइनीज ऐप्स के वीडियो ने अब युवाओं के दिमाग को भ्रष्ट करने के लिए मोबाइल मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ढूंढ लिया है। 30 करोड़ से ज्यादा लोग भारत में वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं, जो अब ऐसे वीडियो को शेयर करने का प्रमुख जरिया बन गया है।
चाइनीज ऐप्स की मदद से छोटे-छोटे वीडियो में अश्लील धुनों पर तंग कपड़े पहने लड़कियों को नाचते हुए देखने के अलावा, वयस्क चुटकुलों और लड़कियों द्वारा बनाए गए 'मजाकिया' वीडियो देखे जा रहे हैं। हालांकि टेक फर्मो ने आपत्तिजनक सामग्री की जांच करने के लिए टीम बनाने के साथ स्मार्ट एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रणालियों का दावा किया है, लेकिन फिर भी यह तेजी से बढ़ रहे हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक वॉट्सऐप और टिक टॉक दोनों ही सवालों पर चुप्पी साध ली है। टिक टॉक ने एक पुराना बयान भेजा कि हम भारत में अपने यूजर्स के लिए सुरक्षा सुविधाओं को लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। देश के बड़े साइबर एक्सपर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पवन दुग्गल के मुताबिक, मोबाइल एप्लिकेशन पर अश्लील वीडियो के शेयरिंग को रोकने का एक तरीका मध्यस्थ दायित्व के मुद्दे का समाधान करना है। दुग्गल ने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67 के अंतर्गत कोई भी ट्रांसमिशन, प्रकाशन या इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रसारित कोई भी जानकारी, जो लोगों के दिमाग को भ्रष्ट कर देती है, जो इस मामले में शामिल होने वालों को एक अपराध के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में जमानत का प्रावधान है, इसके जरिए वीडियो शेयरिंग मामलों पर रोक लगाना मुश्किल है।