लंदन। फेसबुक अगले वर्ष अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के फाइनेंशियल रेग्युलेटर्स के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी अपनी क्रिप्टोकरेंसी का नाम ग्लोबलक्वाइन रखेगी। ग्लोबलक्वाइन करीब एक दर्जन देशों में नए डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम पर काम करेगी। अगले साल की पहली तिमाही में इसे लांच किया जा सकता है। पहले से ऐसी चर्चा है कि कंपनी प्रोजेक्ट लिब्रा के तहत ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर गंभीरता से काम कर रही है। इस परियोजना का एक मकसद फेसबुक के यूजर्स के बीच प्राइवेसी से जुड़ी आशंका का निदान करना भी है।
फेसबुक बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर मार्क कार्नी और अमेरिका के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत कर चुकी है। कई खबरों में पहले कहा गया है कि फेसबुक की ग्लोबलक्वाइन की कीमत में अधिक स्थिरता होगी। यह बिटक्वाइन की तरह अस्थिरता से भरी नहीं होगी। फेसबुक और उसकी सहयोगी कंपनियों (इनमें इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप भी शामिल हैं) के पास दुनियाभर में दो अरब से ज्यादा यूजर्स हैं। इसे देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि फेसबुक की क्रिप्टोकरेंसी जल्द ही दुनियाभर में लोकप्रिय हो जाएगी।