मॉस्को। फीफा विश्व कप 2018 में सोमवार को भारत का परचम एक बार फिर बुलंदियों पर लहराया, जब 10 साल के ऋषि तेज ने इतिहास रच दिया। सोची में बेल्जियम बनाम पनामा मैच में ऋषि बतौर बॉल ब्वॉय मैदान पर आए और वह ऐसा करने वाले देश के पहले लड़के बन गए हैं। 10 वर्षीय ऋषि मैच बॉल हाथ में लेकर मैदान पर आए। इसके बाद रेड डेविल्स और विश्व क में पहली बार एंट्री कर रही पनामा के बीच मैच शुरू हुआ। बेल्जियम ने पनामा को आसानी से 3-0 से मात दी। रोमेलु लुकाकू ने दो गोल दागे जबकि एक गोल ड्राइस मर्टेंस ने किया। बता दें कि ऋषि के अलावा भारत की 11 साल की नथानिया जॉन कंडथिल भी फीफा विश्व कप 2018 में आॅफिशियल मैच बॉल कैरियर्स (ओएमबीसी) के लिए पदस्थ हुई हैं।
खेल का विश्लेषण करेगा ऋषि
विश्व कप में जाने से पहले 10 साल के ऋषि ने स्वीकार किया था कि उन्होंने एक सप्ताह से पर्याप्त नींद नहीं ली है। वहीं नथानिया ने कहा था कि वह उत्सुक जरूर हैं, लेकिन उनकी नींद नहीं उड़ी है। बेंगलुरु के ऋषि ने बातचीत में कहा था, 'मैं बहुत उत्सुक हूं। आप इसे नाप नहीं सकते। ऐसा लगता है कि मैं अभी भी सपना देख रहा हूं। रूस में मैं हर पल को जीना चाहूंगा। मैच के दौरान मैं सिर्फ खेल का मजा नहीं लूंगा बल्कि विश्लेषण करूंगा कि वह कैसे खेलते हैं।' तमिलनाडु की नथानिया रूस जाने वाली एकमात्र लड़की हैं, जिन्होंने प्रतियोगिता में 50 लड़कों को मात दी और अपनी फुटबॉल की शैली से सभी को प्रभावित किया। इस अभियान का आयोजन फीफा के आधिकारिक पार्टनर किया मोटर्स ने किया था। नथानिया 22 जून को ब्राजील और कोस्टा रिका के बीच मैच से पहले मैच बॉल लेकर मैदान पर आएंगी।
64 बच्चों को मिल चुका है फीफा में मौका
फीफा के ओएमबीसी कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों के 64 स्कूली बच्चों को विश्व कप में मैच बॉल लेकर मैदान में जाने का मौका मिला है। इसमें भारत के दो बच्चे शामिल हैं, जिन्हें विश्व के दिग्गज फुटबॉलरों के साथ मैदान में जाने का मौका मिलेगा। नथानिया ने रूस जाने से पहले कहा था, 'हमने 30 सेकंड का वीडियो अपलोड किया था, जिसमें अपनी फुटबॉल स्किल्स दिखाईं थीं। 1500 बच्चों में से 50 को शॉर्ट लिस्ट किया गया और फिर अंतिम 6 के बाद आखिरी दो का चयन किया गया। मुझे मैदान पर जाने का ख्याल सता नहीं रहा है। मैं उत्साहित जरूर हूं, लेकिन ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहती हूं। मुझे नहीं पता कि स्टार फुटबॉलरों के आॅटोग्राफ्स ले पाउंगी या नहीं, लेकिन ऐसा करना जरूर पसंद करूंगी।'