- गीत दीक्षित
भोपाल। संघ शरण गच्छामि। जी हां, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शरण में पहुंचे। संघ ने प्रदेश का सियासी आईना शाह के सामने रखा। शाह के पास सियासत के संग्राम में चल रही उठा-पटक और सरकार का रिपोर्ट कार्ड पहले से ही था। इस महत्वपूर्ण बैठक का लब्बोलुआब चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष चौथी बार सत्ता में आने के लिए कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार होटल जहनुमा में सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की चर्चा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सीधे अरेरा कॉलोनी स्थित संघ कार्यालय समिधा पहुंचे। समिधा में लगभग 70 मिनट चली इस अहम बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्र बताते हैं कि संघ ने सरकार और संगठन की कमजोरियों के साथ विजयरथ को अनवरत रखने पर ज्यादा जोर दिया।
बैठक इस लिहाज से और ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि संघ प्रमुख इन दिनों प्रदेश प्रवास पर हैं। मोहन भागवत संघ के एक आयोजन में बैतूल आए हुए हैं। सवा घंटे चली इस बैठक में सरकार की एंटीइन्कम्बेंसी, ऐट्रोसिटी एक्ट, आदिवासी वोटबैंक किसानों की समस्या जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात हुई है। विधायकों की परफारमेंस और सरकार की जमीनी हकीकत पर भी संघ ने अपनी बेबाक राय दी।
संघ से साझा की चुनावी रणनीति
सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सत्ता और संगठन की चुनावी रणनीति जहां संघ से साझा की, वहीं कमजोर विधायकों से किनारा पाने की बात भी कही है। केंद्रीय नेतृत्व को लगातार मिल रहे फीडबैक के बाद से पार्टी फतह हासिल करने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। दो दिन के प्रदेश दौरे पर आए अमित शाह की समिधा की मंत्रणा से पार्टी नेताओं के माथे पर बल है, इस महती बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं थे। वे जनआशीर्वाद यात्रा के पहले से निर्धारित कार्यक्रम के कारण इंदौर-देवास निकल गए थे। समिधा में हुई बैठक के दौरान अरूण जैन, अलोक पोरवाल, दीपक विठपुटे, विनय सहस्त्रबुद्धे के साथ प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह मौजूद थे। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल इस बैठक में नहीं थे।
एंटीइन्कम्बेंसी पड़ सकती है भारी
सूत्र बताते हैं कि बैठक में प्रमुख रूप से चुनावी मुद्दा प्रमुख रहा। संघ ने माना कि प्रदेश में विकास कार्य हुए हैं। ऐसे में सरकार की उपलब्धियों के साथ विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाना चाहिए। साथ ही संघ ने इस पर भी जोर दिया कि सरकार के खिलाफ निचले स्तर पर एंटीइन्कम्बेंसी है, जो चुनाव में भारी पड़ सकती है। ऐसे में समय रहते इससे पार पाना होगा।
साधें कार्यकर्ताओं को
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संघ की बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर भी बात हुई। सूत्र बताते हैं कि संघ की ओर से सुझाव दिया गया कि निचले स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इसे हर हाल में दूर करना होगा, अन्यथा नुकसानदायक हो सकता है। संघ ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करना होगा, ताकि चुनाव में यह ऊर्जा पार्टी को सत्ता में कायम रखने में अहम भूमिका निभा सके।