रफी मोहम्मद शेख-
इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में इस समय बड़ी लापरवाही चल रही हैं। वर्तमान में परीक्षा में किसी विद्यार्थी के स्थान पर कोई दूसरा भी आसानी से बैठ सकता हैं क्योंकि परीक्षा में शामिल होने के लिए जरूरी प्रवेश-पत्रों में से अधिकांश पर न तो विद्यार्थी की फोटो है और न ही उसका कोई आइडेंटी कार्ड इसके बदले में चैक किया जा रहा है। यहां तक कि परीक्षा के लिए सेंटर को भेजी गई जानकारी में भी फोटो गायब हैं। वही जिन विद्यार्थियों के प्रवेश-पत्र या अटैस्टेशन पर फोटो आ रहे है वो पहचान योग्य ही नहीं हैं। जबकि एमपी ऑनलाइन पर फार्म भरने के समय पूरी जानकारी दी जाती हैं। इस बड़ी लापरवाही पर यूनिवर्सिटी के अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं।
वर्तमान में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की बीकॉम, बीए, बीएससी और बीएचएससी फर्स्ट, थर्ड और फिफ्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं। इन परीक्षाओं में करीब एक लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थी को परीक्षा सेंटर में अपना प्रवेश-पत्र दिखाना होता हैं। इस पर विद्यार्थी के रोल नंबर, नाम, नामांकन नंबर आदि जानकारी के साथ फोटो भी होता है। इससे ही विद्यार्थी के सही या गलत होने की पहचान होती हैं।
वास्तविक है या नहीं
यूनिवर्सिटी की इन परीक्षाओं में जारी किए गए प्रवेश-पत्र में अधिकांश में फोटो ही नहीं हैं। इससे परीक्षा में शामिल होने वाला विद्यार्थी वास्तविक है या नहीं इसकी पहचान ही नहीं हो पा रही हैं। वहीं इसके साथ ही परीक्षा सेंटर में विद्यार्थी से अटैस्टेशन फार्म पर साइन करवाकर कॉपी की जानकारी भरवाई जाती हैं। अटैस्टेशन फार्म भी अधिकांश में फोटो का स्थान खाली है, इससे वहां पर भी इन विद्यार्थियों का वेरिफिकेशन नहीं हो पा रहा हैं। यहां पर परीक्षा कक्ष का इन्वीजलेटर इसी अटैस्टेशन से विद्यार्थी को वेरिफाई करता हैं।
बिना चैक किए ही
खास बात यह है कि यह यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है कि वो प्रवेश-पत्र और अटैस्टेशन पर विद्यार्थी का फोटो अनिवार्य रूप से प्रिंट करें। इसके बाद कॉलेज उसे वेरिफाई करके वास्तविक विद्यार्थी को ही परीक्षा में शामिल होने का कार्य करें। इसमें यूनिवर्सिटी ने ही लापरवाही की ही है, लेकिन कॉलेज भी बिना फोटो वाले विद्यार्थियों को बिना चैक किए परीक्षा में शामिल कर रहे हैं। उन्होंने इसकी सूचना भी यूनिवर्सिटी को नहीं दी हैं। मजेदार बात यह है कि जिन विद्यार्थियों को फोटो प्रवेश-पत्र या अटैस्टेशन में प्रिंट हुए है वो टेड़े-मेढ़े और उनकी क्वालिटी इतनी खराब है कि उससे पहचान ही नहीं हो सकती है।
कॉलेज बन गए अनजान
इधर विद्यार्थी के यह प्रवेश-पत्र और अटैस्टेशन कॉलेज तक भेजने की जिम्मेदारी एमपी आॅनलाइन की हैं। परीक्षा फार्म भरते समय स्कैन किया हुआ फोटो लगाना जरूरी होता हैं। जानकारी के अनुसार परीक्षा फार्म भरते समय इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके बाद एमपी ऑनलाइन की जिम्मेदारी है किवो फोटो के बिना वाले प्रवेश-पत्र जैसी ऐसी कोई समस्या आने पर उसका समाधान करें लेकिन वो भी ऐसा नहीं कर रहा हैं। जिन विद्यार्थियों के प्रवेश-पत्र या अटैस्टेशन में फोटो नहीं है, उनसे फोटो मंगवाया जाना चाहिए लेकिन कॉलेज ऐसा भी नहीं कर रहे हैं। साथ ही आधार कार्ड या अन्य फोटो आइडेंटी मंगवाकर उससे वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। वो भी नहीं हो रहा है।
गड़बड़ी की पूरी आशंका
इससे परीक्षाओं में कई ऐसे विद्यार्थियों के भी शामिल होने की संभावना है, जो वास्तविक नहीं हैं। कॉलेज बिना फोटो या आइडेंटी के उन्हें वेरिफाई करने में असमर्थ है और कई शातिर विद्यार्थी यूनिवर्सिटी की इस चूक का बड़ा फायदा उठा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि प्रवेश-पत्र या अटैस्टेशन पर फोटो नहीं है बल्कि ऑनलाइन फार्म भरने के बाद से ही पिछले सालों में भी यह समस्या लगातार आती रही हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी के अधिकारी इससे जानबूझकर अनजान बने हुए हैं। उधर दूसरी ओर जब मैन्युअली फार्म भरे जाते थे और फोटो नहीं होते थे तो विद्यार्थी से यह मंगवाकर लगाए जाते थे ताकि गड़बड़ नहीं हो।
ऐसा हो रहा तो गलत...
हमारे ज्ञान में उक्त बात किसी कॉलेज ने नहीं लाई है। अगर ऐसा हो रहा है तो गलत हो रहा है। हम एमपी ऑनलाइन को इसके लिए कहेंगे, साथ ही कॉलेजों को भी निर्देशित करेंगे कि वो कोई न कोई आईडी चैक करें।
- डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक