गौरीशंकर दुबे इंदौर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के तहत राज्य क्रिकेट संघों पर भी नियम लागू हुए हैं। नियमों के तहत भले ही मप्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) से चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया, अध्यक्ष संजय जगदाले, उपाध्यक्ष अशोक जगदाले और डॉ. महेंद्रकुमार भार्गव अपने पदों से हट गए, किंतु कुछ पदाधिकारी अभी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
रणजी ट्रॉफी फाइनल के एक दिन पहले मिलिंद कनमड़ीकर सचिव, प्रवीण कासलीवाल कोषाध्यक्ष की हैसियत होलकर स्टेडियम में काम करते दिखाई दिए, जबकि नरेंद्र हिरवानी भी उपाध्यक्ष पद से नहीं हटे। एमपीसीए में पुराने नियमों के तहत तीन उपाध्यक्ष चुनाव के जरिए चुने गए थे, जबकि तीन प्रतिनिधि के रूप में चुने गए थे। इनमें चंबल डिविजन के अध्यक्ष प्रशांत मेहता, होशंगाबाद के अध्यक्ष कपिल फौजदार और उज्जैन के अध्यक्ष महेंद्रसिंह कालूखेड़ा भी पद के लिए अयोग्य हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने नौ-नौ साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, बल्कि कालूखेड़ा तो 70 की उम्र के पार भी हो चुके हैं। साथ ही लोढ़ा कमेटी के नियमानुसार किसी भी संस्थान का प्रतिनिधि एसोसिएशन में नहीं रह पाएगा।
एक बार फिर शिकायत...
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई 2016, 2 व 3 जनवरी 2017 को बीसीसीआई एवं उसके राज्य संगठनों को सिफारिशें तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के तत्काल प्रभाव से हट गए थे। जिन नियमों के तहत सिंधिया, संजय जगदाले, डॉ, भार्गव एवं अशोक जगदाले ने कुर्सी छोड़ी है, उनके दायरे में कनमड़ीकर व कासलीवाल (कूलिंग पीरियड) के तहत आ रहे हैं, जबकि हिरवानी कॉन्फ्ल्किट आॅफ इंट्रस्ट के दायरे में। फिर भी उन्होंने मेहता, फौजदार व कालूखेड़ा की तरह अपना पद नहीं छोड़ा है। सिंधिया विरोधी गुट ने इस मामले की शिकायत शनिवार के अलावा सोमवार को भी लोढ़ा कमेटी के सचिव गोपाल शंकरनारायण को की है। सभी की हठवादिता कोर्ट की अवमानना के दायरे में आ रही है।
एमपीसीए में आगे यह...
1. ज्योतिरादित्य सिंधिया, संजय जगदाले, नरेंद्र मेनन मैनेजिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने की पात्रता खो चुके हैं। पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सचिव के नाते भी नहीं।
2. दोनों सहसचिव संदीप मुंगरे व पंकज पांडेय ही मैनेजिंग कमेटी में हिस्सा लेने की पात्रता रखते हैं।
3. अपेक्स बॉडी/मैनेजिंग कमेटी में केवल नौ निम्न सदस्य हो सकते हैं : अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव, कोषाध्यक्ष, एक पूर्व महिला क्रिकेटर जो फर्स्ट क्लास खेली हो, एक पूर्व पुरुष क्रिकेटर जो फर्स्ट क्लास खेला हो, इन सभी का अगले चुनाव में चुना जाना जरूरी होगा। इसके अलावा एक कम्पट्रोलर आॅडिटर जनरल, मैनेजिंग कमेटी का एक सदस्य (वोटिंग मेंबर्स में से चुनाव के जरिए जाएगा।)
जो नियम में होगा, मैं करूंगा
मैं अभी कहीं बैठा हूं। बाद में फोन करता हूं। जो नियम में होगा, मैं करूंगा। यदि एमपीसीए आदेश देगा, तो मैं पालन करूंगा।
- कपिल फौजदार, अध्यक्ष
होशंगाबाद डिवीजन
- एमपीसीए की वेबसाइट के अनुसार महेंद्रसिंह कालूखेड़ा के पास मोबाइल फोन नहीं है। प्रवीण कासलीवाल का मोबाइल नंबर 9425063153 टेम्प्रेरी सस्पेंडेड है। मिलिंद कनमड़ीकर 9993012295 ने फोन नहीं उठाया।