नई दिल्ली। अरसे बाद वीएचपी में तूफान मचा है। गतिविधियां ऐसी चल रही हैं, जैसे राम मंदिर आंदोलन के दौर में भी नहीं चली होंगी। इस बार ये मुहिम है कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और अध्यक्ष राघव रेड्डी को पद से हटाने की। चुनाव शनिवार सुबह गुरुग्राम के न्यू पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में होना है, लेकिन दिल्ली में वीएचपी के दो खेमों के बीच तलवारें तनी हैं।
वीएचपी महासचिव चंपत राय ने एक बयान जारी कर प्रवीण तोगड़िया पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ वीएचपी मुख्यालय पर धक्का-मुक्की की। चंपत राय ने कहा कि ये प्रवीण तोगड़िया की निराशा और हताशा का प्रतीक है और चुनाव बाधित करने का तरीका है। चंपत ने दावा किया कि 273 वोटरों की लिस्ट भी प्रवीण तोगड़िया और राघव रेड्डी को सौंपी जा चुकी है, इसलिए ऐसा दबाव सिर्फ चुनाव को टालने के लिए डाला जा रहा है। चंपत का कहना है कि चुनाव शांतिपूर्ण ही होंगे।
इधर, आरोपों से भड़के प्रवीण तोगड़िया ने भी जवाब देने में देर नहीं लगाई। उन्होंने बयान जारी कर के कहा कि वीएचपी का एक खेमा उनके खिलाफ गलत प्रचार करने में लगा है। उन्होंने वीएचपी कार्यालय पर हुए हंगामे पर भी सफाई दी। तोगड़िया ने कहा कि वह सुबह दस बजे वीएचपी कार्यालय में अपने कमरे में गए थे, जहां चार-पांच कार्यकर्ता फल लेकर उनसे मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गेट पर तैनात बाउंसरों ने अंदर नहीं घुसने दिया। इन बाउंसरों ने कार्यकर्ताओं की धुनाई भी की। मैंने खुद पुलिस के कंट्रोल रूम (100 नंबर) पर शिकायत दर्ज कराई। तोगड़िया ने वीएचपी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील भी की और दावा किया कि कोई भी चंपत राय के इन आरोपों से भ्रमित नहीं होने वाला।