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किसानों, व्यापारियों के बाद शिक्षक उतरे सड़कों पर, निकाली रैली

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 15 2018 4:14PM | Updated Date: Mar 15 2018 4:14PM
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षित सीटों को घटाने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में गुरुवार को संसद तक मार्च किया  और आरक्षण व्यवस्था में किसी तरह की छेड़छाड़ न करने की सरकार से मांग की। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ(डूटा) के अध्यक्ष राजीव रे के नेतृत्व में शिक्षकों ने यहां मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मार्च किया लेकिन उन्हें जंतर मंतर के पास रोक दिया गया। इस रैली को डूटा के पदाधिकारियों और शिक्षक नेताओं के अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने भी संबोधित किया।

रैली में राष्ट्रीय शिक्षक संघ के नेता ए के भागी, अकेडमिक एक्शन फॉर डेववेलोपेमेंट  के नेता आदित्य नारायण मिश्र आदि  भी मौजूद  थे। इस बीच डूटा ने कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की पांच मार्च को जारी उस अधिसूचना को वापस लेने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की जिसके तहत विश्वविद्यालयों से विभाग स्तर पर रोस्टर बनाने की बात कही गयी है जिससे आरक्षित सीटें  कम हो जायेंगी जबकि पहले विश्वविद्यालय स्तर पर रोस्टर बनती थी। दलवई ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है इसलिए मोदी सरकार इस तरह के कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से उनकी बात हुई है सभी दल आरक्षण के समर्थन में हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ेगी और शिक्षकों को साथ देगी। उन्होंने कहा कि अभी संसद नहीं चल पा रही है, जैसे ही संसद चलेगी वह इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाएंगे। डूटा का कहना है कि नयी रोस्टर प्रणाली से दिल्ली विश्विद्यालय में लम्बे समय से पढ़ा रहे वंचित तबके के शिक्षक नौकरी से वंचित रह जायेंगे और स्थाई शिक्षकों की नियुक्ती फिर खटाई में पड़ जाएगी। इस बीच अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ ने तीन अप्रैल को दिल्ली में महा रैली निकलने का एलान किया है। महासंघ के महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि मोदी सरकार शिक्षा का निजीकरण करने में लगी  है और उसने सातवें वेतन आयोग के मामले में शिक्षकों के साथ धोखा किया है। इसके विरोध में देशभर के शिक्षक संघ तीन अप्रैल को एकजुट होकर विरोध करेंगे।

 
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