नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि संस्कृत भाषा में विशालता है और इसमें सब के कल्याण की बात कही गयी है इसलिए इस भाषा में शिक्षा देने के लिए किसी जाति या समुदाय के अध्यापक का विरोध गलत है। श्रीमती गांधी ने गुरुवार को ट्वीट किया ‘‘हमारी भाषाएँ और संस्कृति हमारी विशेषता है, हमारी मजबूती है। संस्कृत भाषा में ही लिखा गया है, ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिन:। सर्वे सन्तु निरामया:। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा और भारतीय संविधान में विशालता है और यह दोनों किसी को जाति या समुदाय विशेष में बंधकर रहने की इजाजत नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा ‘‘इस भाषा में विशालता है। हमारे देश के संविधान में विशालता है। विश्वविद्यालय में संस्कृत कोई भी अध्यापक पढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक अखबार में छपी खबर पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान में दो सप्ताह पहले सहायक प्रोफसर नियुक्त हुए फिरोज खान की नियुक्ति के बाद कुछ पता नहीं है। एक वर्ग ने उनका विरोध किया था जबकि अब विश्वविद्यायल के कुछ अन्य लोग उनके समर्थन में सामने आ गये हैं।