नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने आज राज्यसभा में कहा कि सेरोगेसी का व्यवसायीकरण बंद होगा और प्रभावित महिलाओं और बच्चों को अत्याचार से बचाया जाएगा। डा. हर्षवर्धन ने सदन में ‘सेरोगेसी विधेयक 2019’ चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि देश अनैतिक और अनुचित सेरोगेसी का केंद्र बनता जा रहा है। इसमें महिलाओं का शोषण होता है और मानव अंगों के व्यापार को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 3500 सेरोगेसी क्लीनिक है जिनमें तकरीबन 2000 बच्चे जन्म लेते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रस्तुत विधेयक से सेरोगेसी व्यवस्था और प्रक्रिया को व्यवस्थित किया जा सकेगा और महिलाओं का शोषण रोका जा सकेगा। इसके अलावा मानव अंगों के अनैतिक व्यापार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि सेरोगेसी का व्यवसायीकरण पूर्ण रुप से प्रतिबंधित होगा। सेरोगेसी के बदले में किसी भी महिला या उसके किसी निकटतम को धन देना अपराध माना जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में राष्ट्रीय सेरोगेसी बोर्ड और राज्य स्तरीय बोर्डों के गठन का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक को लोकसी पहले ही पारित कर चुकी है।