नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अयोध्या, सबरीमला, जम्मू-कश्मीर, बेरोजगारी, निजीकरण एवं आर्थिक बदहाली जैसे मसलों को लेकर पूरे दिसंबर भर आंदोलन करेगी तथा देश भर के ट्रेड यूनियनों की ओर से आहूत आठ जनवरी के राष्ट्र व्यापी हड़ताल के लिए समर्थन जुटायेगी। पार्टी की सोमवार को यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक माकपा पोलित ब्यूरो की यहां रविवार को संपन्न हुई दो दिवसीय बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। पार्टी ने अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा हमेशा से मानना था कि इस मसले का बातचीत के जरिये हल निकाला जाए लेकिन ऐसा नहीं होने पर केवल न्यायालय के जरिये इसका हल एकमात्र रास्ता है। माकपा ने कहा कि अदालती फैसले में कुछ मुद्दे छूट गये हैं जिन पर गंभीर सवालिया निशान लगे हुए हैं।
माकपा ने सबरीमला सभी मामलों में महिलाओं को समानता देने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। पोलित ब्यूरो ने शीर्ष अदालत से इस यथाशीघ्र इस मामले में स्पष्ट आदेश देने की मांग भी की। माकपा ने राफेल सौदे घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की। माकपा ने जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिये गये सभी राजनीतिक नेताओं को हिरासत या नजरबंदी से मुक्त करने की मांग की और साथ ही संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों तथा नागरिक सुविधाओं को बहाल करने की भी मांग की। वहां बच्चे और युवा अपने भविष्य को अंधारकरमय मान कर चल रहे हैं। इस स्थिति को अधिक दिनों तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।