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जमियत के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि : मदनी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 22 2019 11:12AM | Updated Date: Sep 22 2019 11:12AM
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नई दिल्ली। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमियत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि सरकार की कुछ नीतियों से मतभिन्नता के बावजूद उनके लिए  राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है और जमियत देश की एकता को मजबूत बनाने में आगे बढ़कर काम किया है। जमियत उलेमा ए हिन्द के साथ कई मुस्लिम संगठनों ने शनिवार को यहां गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर देश और खासकर मुस्लिम  समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जमियत की ओर से जारी बयान में मदनी ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सरकार के साथ उनकी असहमति हो सकती है लेकिन जब राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर जमियत हमेशा सरकार के साथ खड़ी रहेगी।
 
मुस्लिम संगठनों ने देशभर में एनआरसी और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम  संशोधन कानून (यूएपीए) जैसे अन्य मुद्दों पर अपनी आशंकाओं को गृह मंत्री के समक्ष उठाया। मदनी के अनुसार शाह ने आश्वासन दिया कि  मुसलमानों को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। धर्म के आधार पर  किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा लेकिन घुसपैठियों के लिए देश में कोई  जगह नहीं होगी।
 
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 को हटाना  कश्मीर के लोगों के हित में है। अनुच्छेद 370 से कश्मीर के लोगो का नुकसान  हो रहा था। श्री शाह ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से घाटी में अफवाह फैलाकर  शान्ति भंग करने की साजिश को नाकाम करने के लिए मोबाइल सेवाओं को बंद रखा  गया है। बयान के अनुसार शाह ने कहा कि एनआरसी को लेकर मुसलमानों को  चिंतित होने की जरूरत नहीं है। धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। 
 
घुसपैठिए देश की सुरक्षा के लिए खतरा है इसलिए घुसपैठियों के खिलाफ  कार्रवाई में कोई ढील नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यूएपीए कानून का किसी  भी तरह से दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। शाह के साथ मुलाकात के दौरान  जमियत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान  मंसूरपुरी, जमियत अहले हदीस हिन्द के प्रमुख मौलाना असगर अली इमाम मेहदी  सल्फी समेत अन्य संगठन के लोग मौजूद थे।
 
गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए  हिंद ने हाल में एक प्रस्ताव पास कर कहा था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग  है और सभी कश्मीरी हमारे हमवतन हैं। कोई भी अलगावादी आंदोलन न केवल देश के  लिए बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है। इससे पहले जमियत  उलेमा ए हिन्द के दूसरे धड़े के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से यहां मुलाकात कर देश में शांति और  साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया था।
 
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