नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नौ वर्ष पहले कोयम्बटूर में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और फिर लड़की एवं उसके भाई की हत्या के दोषी मनोहरन की फांसी पर मंगलवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने दोषी की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई तक के लिए यह रोक लगाई। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है। दोषी व्यक्ति को तीन दिन बाद 20 सितंबर को ही फांसी दी जाने वाली थी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 10 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के दोषी मनोहरन को गत एक अगस्त को 2:1 के बहुमत से मौत की सजा बरकरार रखी थी। बालिका और उसके भाई की हत्या भी कर दी गयी थी। निचली अदालत की ओर से मिली मौत की सजा को तमिलनाडु उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। इस मामले में पुजारी मोहन कृष्णन और मनोहरन पर आरोप लगे थे, लेकिन बाद में में मोहनकृष्णन एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।