नई दिल्ली। संचार, इलेकट्रॉनिकस, सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) द्वारा तीन लाख करोड़ रुपये के वित्तीय लेन-देन करने के लिए तेजी से प्रगति करने की व्यापक संभावना है। प्रसाद ने सीएससी महिला ग्राम स्तर उद्यमियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सीएससी मॉडल बहुत सफल रहा है। सथापना के 10 वर्षों में 3.65 लाख सीएससी काम कर रहे हैं और वे 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय लेन देन भी कर रहे हैं। सीएससी ई-गवर्नेस , शिक्षा, सवास्थ्य, टेलीमेडिसन और मनोरंजन के साथ-साथ अन्य निजी सेवाओं के क्षेत्रों में उचच गुणवतता, ससते वीडियो, वॉयस और डाटा सामग्री तथा अन्य सेवाएं उपलबध करा रहे हैं।
सीएससी की एक विशेषता यह है कि ये आवेदन पत्रों, प्रमाण पत्रों और बिजली, टेलीफोन तथा पानी के बिलों जैसे उपयोगिता भुगतानों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में वेब-सक्षम ई गवर्नेस सेवाएं उपलबध करा रहे हैं। प्रसाद ने सीएससी के लिए महिला ग्राम सतरीय उद्यमियों से देश में एक अभियान शुरू करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को स्थापित करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि देश में सवयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जो गांव में बड़े बदलावों की शुरूआत करके देश के विकास में मदद कर सकते हैं। सीएससी विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं को लागू कराने में अभिन्न अंग बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले सीएससी को 10,000 रुपए का ईनाम दिया जाएगा और उनमें से कुछ केन्द्रों को विदेशों में अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए भेजा जाएगा। इस अवसर पर पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सीएससी एक महत्वपूर्ण सरकारी एजेंसी हो गए हैं और इन्हें भविष्य में अपना विस्तार तथा अपनी स्थिति मजबूत करनी है। उनके मंत्रालय ने एलपीजी सिलेंडरों की बुकिंग और डिलीवरी में मदद करने के लिए सीएससी के साथ अनुबंध कर रखा है। इस सहयोग में सीएससी को बिक्री का बिंदु (पीओएस) बनाने के लिए एक नया आयाम दिए जाने की संभावना है। सीएससी के माधयम से एलपीजी का 25 प्रतिशत वितरण किया जाना एक अचछा कदम होगा।