नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ‘प्रेशर कुकर’ चुनाव चिह्न पर अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से अलग हुए टीटीवी दिनाकरण गुट का दावा मंगलवार को ठुकरा दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने दिनाकरण गुट को ‘प्रेशर कुकर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने से इन्कार कर दिया।
न्यायालय ने, हालांकि लोकसभा चुनावों तथा तमिलनाडु एवं पुड्डुचेरी विधानसभा के उपचुनावों में दिनाकरण गुट के उम्मीदवारों को ऐसा चुनाव चिह्न आवंटित करने को कहा है जो किसी को आवंटित नहीं किया गया हो। पीठ ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के चिह्न आवंटित करने का यह मतलब नहीं होगा कि दिनाकरन गुट को राजनीतिक समूह के रूप में पहचान मिल गयी है। यदि इस गुट के उम्मीदवार जीतते हैं तो उन्हें सभी औपचारिक उद्देश्यों के लिए निर्दलीय माना जायेगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह केवल निर्वाचन आयोग का ही दायित्व एवं अधिकार है कि वह दिनाकरण गुट को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करे और आयोग स्वयं इसे आने वाले दिनों में कर देगा। इससे पहले न्यायालय ने सुनवाई के दौरान दिनाकरण गुट को फटकार लगायी कि आखिर ‘प्रेशर कुकर’ पर दावा करने के बजाय उसने नये सिरे से पंजीकरण कराने और अलग चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए आयोग का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया।