नई दिल्ली। अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को महिला टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में शामिल न करने के विवाद ने अब बड़ा रूप ले लिया है। मिताली ने कोच रमेश पोवार पर आरोप लगाया है कि उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। मिताली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को लिखे पत्र में कहा, मेरे 20 बरस के लंबे कॅरियर में पहली बार मैंने अपमानित महसूस किया।
मिताली ने लिखा है, कोच ने मुझसे कहा कि आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के लिए मैदान पर आना भी मत। मैच के बाद कोच ने कहा कि बाहर बैठकर और टीम से ड्रॉप होने के बाद कैसा महसूस हो रहा है। मिताली ने कहा कि इस वाकये के बाद मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिए मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिए है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं।
इडुलजी ने मुझे बुलाया और मेरी पीठ में छुरा घोंपने वाला काम किया
35 साल की मिताली ने बीसीसीआई को लिखा है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुलजी ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। मिताली ने कहा, इडुलजी ने मुझे बुलाया और मेरी पीठ में छुरा घोंपने वाला काम किया और मेरे साथ जो कुछ भी किया गया उसे उचित ठहराया। मिताली ने कहा कि मैंने हमेशा डायना इडुल्जी पर भरोसा जताया और उनका सम्मान किया। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि वह मेरे खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करेंगी। खासकर तब जबकि विंडीज में जो कुछ मेरे साथ हुआ, मैं उन्हें बता चुकी थी। उन्होंने कहा, मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने के फैसले को उनके समर्थन से मैं काफी दुखी हूं क्योंकि उन्हें तो असलियत पता थी। उन्होंने कहा, मैं टी-20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती, लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ। मिताली ने कहा, मैं देश के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी। मुझे दुख है कि हमने सुनहरा मौका गंवा दिया।
ये भी बोलीं मिताली
यदि मैं कहीं आसपास बैठी हूं, पोवार निकल जाते थे या दूसरों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे, लेकिन मैं बल्लेबाजी कर रही हूं तो नहीं रुकते थे। मैं उनसे बात करने जाती, तो फोन देखने लगते या चले जाते।
- हालात बेकाबू होने पर मैंने टीम मैनेजर से भी बात की, लेकिन उसके बाद हालात बदतर होते चले गए। कोच के लिए मानो मैं टीम में थी ही नहीं।
- पोवार ने मुझे आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में मैदान पर नहीं आने के लिए कहा। शाम को टीम बैठक के बाद रमेश ने मेरे कमरे में फोन किया और कहा कि मैदान पर नहीं आना, क्योंकि वहां मीडिया होगा।
सीओए ने किया किनारा, टीम मैनेजमेंट पर छोड़ा फैसला
प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुलजी का कहना है कि सीओए मिताली राज के विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उनका कहना है कि समिति क्रिकेट के फैसलों का बोझ नहीं ले सकती। हालांकि, सीओए उनसे संपर्क करने वाले खिलाड़ी की चिंताओं को संबोधित करेगा। अंतिम एकादश में कौन खेलता है, यह हमारी सरदर्दी नहीं है और यह किसी और की परेशानी भी नहीं होनी चाहिए। इसका फैसला टीम प्रबंधन को लेना चाहिए। टीम प्रबंधन के फैसलों पर सवाल उठाना सीओए का काम नहीं है।