नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि राष्ट्रीय टीम में चयन का पैमाना उम्र नहीं, सिर्फ प्रतिभा होनी चाहिए। इंग्लैंड के हरफनमौला सैम कुरेन और दूसरे टेस्ट के लिए चुने गए 20 साल के बल्लेबाज ओल्ले पोप के बारे में पूछे जाने पर तेंडुलकर ने कहा, अगर कोई अच्छा है, तो उसे देश के लिए खेलना चाहिए और उम्र कोई पैमाना नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, जब मैंने अपना पहला मैच खेला था, तब मैं सिर्फ 16 साल का था, एक तरह से इसने मुझे मदद ही की। मुझे नहीं पता था कि वसीम अकरम, वकार यूनुस, इमरान खान और अब्दुल कादिर जैसे उस समय के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना कर कैसा लगता है। तेंदुलकर को लगता है कि युवा बल्लेबाजों को अंतरराष्ट्रीय मैच में मौका देना अच्छी बात है। उन्होंने कहा, जब आप युवा और निडर होते हैं, तो आपका ध्यान सिर्फ सिक्के के एक पहलू की तरफ होता है, लेकिन अनुभव और परिपक्वता से आप चीजों को संतुलित करने के लिए दूसरे पहलुओं के बारे में सोचने लगते हैं।