नई दिल्ली। बीसीसीआई ने सालाना केंद्रीय अनुबंध में संशोधन के बाद अब भारतीय महिला क्रिकेटरों की जो रिटेनरशिप फीस तय की है, वह दुनिया में सबसे अधिक है। यह मानना है महिला क्रिकेट के इतिहासकार और विशेषज्ञ सुनील यश कालरा का।
बीसीसीआई ने हाल में भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीम के खिलाड़यिों के लिए 2017-18 के अनुबंध की घोषणा की है। इसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम को हाल में मिली लोकप्रियता और मीडिया के उसके प्रति बढ़े रुझान की छाप भी साफ तौर पर दिखाई देती है।
क्रिकेट प्रशंसकों और आलोचकों की नजर में पुरुषों और महिलाओं को मिली राशि में बड़ा फर्क हो सकता है लेकिन सुनील यश कालरा के अनुसार बोर्ड का केंद्रीय अनुबंध ट्वंटी-20 त्रिकोणीय सीरीज से पहले उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह सीरीजÞ भारत, आॅस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 22 मार्च से मुम्बई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में शुरू हो रही है।
कालरा ने बताया कि इस समय इंग्लैंड में महिला क्रिकेटरों को 50 हजार पाउंड (करीब 45 लाख) रुपये के हिसाब से रिटेनरशिप फीस दी जाती है। वहां बोर्ड का खिलाड़ियों से करार दो साल के लिए है। मौजूदा विश्व चैम्पियन आॅस्ट्रेलिया के ग्रेड ए के खिलाड़ियों की रिटेनरशिप राशि में 80.2 फीसदी की वृद्धि की गई है और अब इसे 40 हजार डॉलर से बढ़ाकर 72,076 आॅस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 36 लाख रुपए) कर दिया गया है जबकि भारतीय खिलाड़ियों की ए ग्रेड की अनुबंध राशि 76 हजार डॉलर (करीब 50 लाख रुपए) तय की गई है।