लखनऊ। पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अनुबंध के दायरे से बाहर रखने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के फैसले पर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने कहा कि दोष साबित हुये बिना किसी भी आरोपी के लिये सजा तय करना सरासर नाइंसाफी होगी।
उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री चौहान ने कहा कि बीसीसीआई इस मामले में जल्दबाजी न करे। वैसे भी जब तक दोष साबित न हो जाये किसी आरोपी के खिलाफ सजा की घोषणा नहीं की जा सकती। बीसीसीआई को मौका देना चाहिए ताकि शमी के परिवार में समझौते की गुंजाईश बढ़े। बीसीसीआई ने जल्दबाजी और भावुकता में फैसला किया है।
इस पर उसे पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है। पुलिस को भी समझौते के आधार पर इस मामले को खत्म करवाना चाहिए। कई बार गलतफहमियों में भी मतभेद पैदा हो जाते हैं। पूर्व क्रिकेटर ने साथ ही कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के खिलाफ साजिश भी होती रहती है। शमी अच्छे खिलाड़ी हैं।
भारतीय टीम के लिए वह कुछ करने की स्थिति में हैं। उनका मामला शांतिपूर्ण ढंग से हल हो जायेगा तो भारतीय क्रिकेट के साथ ही उनके परिवार का भी भला होगा। गौरतलब है कि शमी की पत्नी के संगीन आरोपों के बाद बीसीसीआई ने उन्हें क्रिकेटरों की अनुबंध सूची से बाहर कर दिया है।