नई दिल्ली। पाकिस्तान के दौरे में टीम इंडिया लाहौर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में रुकी हुई थी। वहां पर सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए थे मानो एक किला घेर रखा हो। सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि कई बार घुटन महसूस होती थी। पाकिस्तान पर सीरीज में 3-2 से जीत हासिल करने के बाद सौरव गांगुली इस किले से भाग जाना चाहते थे।
गांगुली ने बताया कि मैं सुरक्षा अधिकारी को बिना बताए होटल के पिछले दरवाजे से निकला, जाना चाहता था पर मुझे लगा कि कि मैं नियम तोड़ रहा हूं। मेरे सिर पर टोपी थी और चेहरा ढंका था। मैं बस इस टैंक्स और राइफल्स से दूर जाना चाहता था। पहचान छिपाने के तरीके को लेकर उनसे किसी ने पूछा- अरे आप सौरव गांगुली हैं? मैंने अवाज बदलकर न कहा, उसने कहा- लेकिन आप सौरव जैसे दिखते हो। गांगुली कहते हैं, भोजन खत्म कर हम होटल से निकलने वाले थे की हमें पहचान लिया गया।
हम जहां बैठे थे वही पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी बैठे थे, उन्होंने मुझे पहचान लिया और चिल्लाने लगे। मुझे समझ आ गया कि मैं अब मुश्किल में फंस गया हूं। जल्द ही वहां पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। होटल का बिल देकर मैंने निकलना चाहा, लेकिन मैनेजर ने पैसे नहीं लिए। वह कह रहा था हमें पाकिस्तान में भी आप जैसे कप्तान की जरूरत है। यही नहीं जब हम लोग होटल लौट रहे थे तो कुछ स्थानीय लोग मोटरसाइकिल से हमारा पीछा कर रहे थे।
मुशर्रफ बोले थे- अगली दफा जाएं तो हमें जरूर बताएं
सौरव गांगुली होटल सुरक्षित पहुंच गए, लेकिन इस घटना की जानकारी जनरल परवेज मुशर्रफ तक पहुंच चुकी थी। होटल पहुंचते ही सौरव को फोन आया दूसरी तरफ मुशर्रफ थे। मुशर्रफ ने अपनी बात नम्रता से कही, लेकिन वह मजबूती से बोल रहे थे, उन्होंने कहा कि अगली दफा जब आप बाहर जाएं तो सुरक्षा अधिकारी को जरूर बताएं। आपके लिए हम इंतजाम करेंगे। लेकिन कृपया करके आप इस तरह का खतरा न उठाएं।