मुंबई। केरल में चावल चुराने के आरोप में एक आदिवासी युवक पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले पर ट्वीट करके वीरेंद्र सहवाग एक बार फिर से विवादों में फंस गए। दरअसल सहवाग ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा है ‘मधु ने महज एक किलो चावल चुराया था। इस ही बात पर उबेद, हुसैन और अब्दुल की भीड़ ने उस गरीब आदिवासी को मार डाला। यह एक सभ्य समाज के लिए कलंक की तरह है। मुझे इस बात पर शर्म आती है कि ऐसा होने पर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
सहवाग के इस ट्वीट में एक ही समुदाय के तीन आरोपियों का नाम लिखा गया है जबकि केरल पुलिस ने इस आरोप में जिन लोगों को नामजद किया है जिसमें अन्य संप्रदायों के लोग भी शामिल हैं। सहवाग के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में लोगों ने उन पर इस मसले को मजहबी रंग देने का आरोप लगाया है।
इसके बाद सहवाग ने अपनी गलती मानते हुए दूसरा ट्वीट करते हुए कहा कि गलती को नहीं मानना दूसरी गलती है। मैं माफी चाहूंगा कि मुझसे और लोगों के नाम अधूरी जानकारी की वजह से छूट गए मैं इसके लिए तहेदिल से माफी मांगता हूं लेकिन मेरा ट्वीट किसी भी तरह से सांप्रदायिक नहीं था। हत्यारे धार्मिक रूप से अलग भले हों लेकिन हिंसक मानसिकता की वजह से वे एक हैं।
सहवाग के इस ट्वीट के बाद रामचंद्र गुहा ने लिखा कि यह देखकर राहत और खुशी मिली। एक क्रिकेटर के तौर पर सहवाग को पता है कि नकली गेंदबाजों को किस तरह सबक सिखाया जाता, इसलिए यह बहुत ही चिंता की बात थी कि वे फेक न्यूज को इस नजरिए से देख रहे थे।
दरअसल केरल की अट्टापडी नाम की जगह पर रहने वाले मधु नाम के आदिवासी युवक को लोगों ने चोरी के आरोप में हाथ-पैर बांधकर पीटा था जिसके बाद बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में कई लोगों को लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन लोगों में सहवाग द्वारा पहले ट्वीट में लिखे गए नामों के अलावा मनु दोमादरन, जोनाथन जोसफ जैसे लोगों का नाम भी शामिल है।