मुंबई। लंबे समय बाद सुरेश रैना ने टीम इंडिया में वापसी की। रैना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टी-20 मैच खेला। इस मैच में उन्होंने 15 रन की एक छोटी पारी खेली। इस पारी में रैना ने 7 गेंदों में 2 चौके और 1 छक्का लगाया। सुरेश रैना ने कड़ी मेहनत की और वापसी करने में सफलता हासिल की।
राहुल द्रविड़ ने जीने का तरीका बताया
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार रैना ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को अपना सबसे बड़ा सपोर्ट बताया। उन्होंने कहा कि वो राहुल द्रविड़ ही थे, जिन्होंने उन्हें जिंदगी जीने का तरीका बताया और यह भी बताया कि एक खिलाड़ी होते हुए कैसा बर्ताव करना चाहिए।
राहुल बड़े भाई जैसे
रैना ने याद किया कि जब वह टीम इंडिया में आए तो उन्हें तहजीब के बारे में कुछ नहीं पता था। तब भी द्रविड़ ने ही उनकी मदद की थी। रैना ने कहा, मैं हमेशा राहुल द्रविड़ की इज्जत करता हूं। वह मेरे पहले कप्तान और बिलकुल बड़े भाई जैसे हैं। हम लोग थे यूपी वाले देशी एकदम। पता नहीं था कैसे खाना है, कटलरी कैसे इस्तेमाल करनी है। बस ये पता था कि बॉल को मारना कैसे है। उनसे (द्रविड़) मिलने के बाद एक सलीका आया, एक तहजीब आई।
द्रविड़ ने जिंदगी जीना सिखाई
31 वर्षीय रैना ने आगे कहा - द्रविड़ ने मुझे जिंदगी जीना सिखाई और बताया कि एक खिलाड़ी का बर्ताव कैसा होना चाहिए। राहुल भाई ने मेरा काफी समर्थन किया। एक वाकये को याद करते हुए रैना ने बताया कि द्रविड़ ने कैसे उन्हें प्रोत्साहित किया था। उन्होंने बताया कि वह इरफान पठान के साथ बैठे थे और अगले मैच में मौका नहीं मिलने की बात कर रहे थे।
...जो जान भी दें दूंगा
रैना ने कहा - मुझे याद है कि एक समय मैं रन नहीं बना रहा था। तब इरफान पठान के साथ बैठा था, वो खाना खा रहा था। मैंने पठान से कहा कि पता नहीं कल का मैच खेलेंगे या नहीं। राहुल भाई ने हमें कहा कि फील्डिंग में अपना जलवा दिखाएं। मेरे ख्याल से मैंने उस दिन बेहतरीन प्रदर्शन किया और दो या तीन रनआउट किए। अगर राहुल भाई की तरह मोटिवेट करें तो हम तो ऐसे हैं कि अपनी जान भी दें दे।