ढाका। चटगांव की जहूर अहमद चौधरी स्टेडियम पिच को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच पहले टेस्ट के दौरान प्रदर्शन के आधार पर औसत से भी निम्न स्तर का करार दिया है। आईसीसी की खराब रेटिंग के बाद चटगांव पिच को एक डी-मेरिट अंक दिया गया है और यह पांच वर्षों तक के लिए बरकरार रहेगा।
आईसीसी के अनुसार यदि यह नकारात्मक अंक अगले पांच वर्षों में पांच अंक तक पहुंच जाएगी तब इस पिच को 12 महीने तक के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। मैच रेफरी डेविड बून ने बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच पहले टेस्ट के दौरान पिच के प्रदर्शन के आधार पर इसे नकारात्मक अंक दिया है। उन्होंने ने कहा - इस पिच पर गेंद बिल्कुल घूम नहीं रही थी और तेज गेंदबाजों को नई गेंद से भी कोई फायदा नहीं मिला। इसके अलावा पूरे मैच के दौरान पिच पर उछाल नहीं था।
बून ने कहा - स्पिनरों को तो इस पिच पर थोड़ा टर्न मिला लेकिन मैच के अगले दिनों में भी यहां कोई बदलाव देखने को नहीं मिला और पांचों दिन बल्लेबाजों को इसपर बहुत फायदा पहुंचा। मैच के बाद श्रीलंका के बल्लेबाज दिमुथ करूणारत्ने और बांग्लादेश के कप्तान महमूदुल्लाह ने पिच को लेकर अलग-अलग विचार व्यक्त किया। करूणारत्ने ने जहां पिच की आलोचना की तो वहीं महमूदुल्ला ने कहा कि यह पिच बढ़िया थी जिसपर बल्लेबाजों को फायदा मिला।
दोनों टीमों के बीच यहां खेला गया टेस्ट रनों के लिहाज से बांग्लादेश में दूसरा सर्वाधिक रन वाला मैच था जिसपर कुल 1533 रन बने जबकि 2000 गेंदों में दोनों टीमों के गेंदबाजों को 24 विकेट ही मिले जो विकेट के लिहाज से खराब प्रदर्शन है। गत सितंबर शेर-ए-बंगला नेशनल स्टेडियम को आईसीसी ने बांग्लादेश और आॅस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट के दौरान खराब रेटिंग दी थी।