माउंट मानगनुई। मंजोत कालरा (नाबाद 101) और हार्विक देसाई(नाबाद 47) की मैच विजयी पारियों की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां शनिवार को आस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर रिकार्ड चौथी बार आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्वकप का खिताब अपने नाम कर लिया। भारत का यह ओवरऑल चौथा अंडर-19 विश्व खिताब है। इससे पहले भारत और आस्ट्रेलिया दोनों ही टीमों ने तीन-तीन बार यह आईसीसी खिताब अपने नाम किया था।
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 217 रनों का मामूली लक्ष्य रखा। जवाब में उतरी भारतीय टीम ने 38.5 ओवरों में ही मैच अपने नाम कर लिया। कप्तान पृथ्वी शॉ ने 29, जबकि पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में 102 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले शुभमन गिन ने 31 रनों की पारी खेली।
सेमीफाइनल में पाकिस्तान को दी करारी मात
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से भरी इस टीम की खासियत उसका हरफनमौला खेल है और उसने अभी तक गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण में कमाल किया है। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम ने अपना बेहतरीन क्षेत्ररक्षण दिखाते हुए चिर प्रतिद्वंद्वी टीम को मात्र 69 रन पर ढेर कर दिया था जो आईसीसी अंडर-19 विश्वकप इतिहास में ही किसी टीम का सबसे कम स्कोर है।
एक समय U19 वर्ल्ड कप खेलने पर छा गया था संकट
हालांकि एक समय ऐसा भी आया था जब कालरा के अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने पर संकट आ गया था। यह बीते साल सितंबर की बात है, जब उन्हें डीडीसीए ने उन्हें बीसीसीआई द्वारा क्लियर किए जाने के बावजूद दोबारा ऐज-वेरिफिकेशन से गुजरने को कहा गया। कालरा की जन्म तिथि 15 जनवरी 1999 लिखी गई थी, जबकि कुछ लोगों का आरोप था कि यह 15 जनवरी 1998 है। कालरा ने अपनी उम्र के प्रमाण के तौर पर सीबीएसई का 10वीं का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट की कॉपी और पैन कार्ड भी जमा करवाया था। आखिर में तमाम आरोप गलत साबित हुए और कालरा को अंडर-19 क्रिकेट खेलने की अनुमति मिल गई।