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हितों का टकराव एक गंभीर मामला : गांगुली

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 16 2019 12:49AM | Updated Date: Oct 16 2019 12:49AM
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मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के निर्विरोध रूप से अध्यक्ष बनने जा रहे सौरभ गांगुली ने हितों के टकराव को भारतीय क्रिकेट में एक गंभीर मामला बताया है। खुद भी हितों के टकराव के मुद्दे का शिकार हो चुके और इस मामले के चलते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति से इस्तीफा देने वाले पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली ने इस मुद्दे पर पहली बार सार्वजनिक रूप  से यह बात कही। 

गांगुली ने कहा, ‘‘ हितों का टकराव एक गंभीर मुद्दा है। ऐसी स्थिति में हम बीसीसीआई में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को कैसे शामिल कर पाएंगे क्योंकि इन क्रिकेटरों के पास अन्य बेहतर विकल्प भी मौजूद हैं। यदि वे बीसीसीआई से जुड़ते हैं और अपनी आजीविका चलाने के लिए जो करना होता है वह न कर पाएं, तो उनके लिए इस व्यवस्था से जुड़े रहना काफी मुश्किल होगा।’’  बांए हाथ के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने सोमवार को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भरने के बाद हितों के टकराव के मुद्दे पर यह बात कही। टीम इंडिया के कोच के रूप में रवि शास्त्री का चयन करने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के तीन सदस्यों कपिल देव, अंशुमन गायकवाड और शांता रंगास्वामी ने हितों के टकराव के आरोपों के बाद इस समिति से हाल में इस्तीफा दे दिया था। कपिल ने तो इस पर बाकायदा सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसी सूरत में कोई भी क्रिकेटर भविष्य में बीसीसीआई से नहीं जुड़ पाएगा। 

गौरतलब है कि गांगुली को भी हितों के टकराव के कारण बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य पद से इस्तीफा देना पड़ा था। गांगुली उस समय समिति के सदस्य होने के अलावा कमेंटेटर, आईपीएल की दिल्ली कैपिटल्स के कोचिंग स्टॉफ और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर भी थे। बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक कोई एक व्यक्ति भारतीय क्रिकेट में एक समय में केवल एक की पद संभाल सकता है जिसका गांगुली ने विरोध किया था। 

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