नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की 23 अक्टूबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक में दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि को लेकर उठा विवाद उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमित्र के पास सलाह-मशविरे के लिए जा सकता है। दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में अपने प्रतिनिधि को लेकर विवाद चल रहा है। समझा जाता है कि बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति डीडीसीए के मामले में न्यायमित्र की सलाह ले सकती है। डीडीसीए के एक गुट ने डीडीसीए की सर्वोच परिषद के अध्यक्ष रजत शर्मा को बीसीसीआई की एजीएम और चुनाव प्रक्रिया में प्रतिनिधि के तौर पर अधिकृत करने के फैसला का विरोध किया है।
इस गुट का मानना है कि सर्वोच परिषद यह प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए सक्षम नहीं है और इसका फैसला डीडीसीए की आम सभा में लिया जाता है। इस गुट ने सर्वोच परिषद के फैसले का तकनीकी और कानूनी आधार पर विरोध करते हुए बीसीसीआई के सामने आपत्ति दर्ज करायी है। समझा जाता है कि सीओए कानूनी मामलों पर किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए न्यायमित्र की मदद ले सकता है। इस बीच डीडीसीए के अध्यक्ष रजत शर्मा का नाम बीसीसीआई की राज्य प्रतिनिधियों की उस सूची में शामिल है जिनके नाम पर विभिन्न मुद्दों को लेकर आपत्ति दर्ज करायी गयी है। बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी एन गोपालास्वामी ने कई नामों को लेकर सीओए से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सीओए और चुनाव अधिकारी मतदाता सूची को 10 अक्टूबर तक अंतिम रुप दे देंगे।