नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के हितों के टकराव के मुद्दे ने भारतीय क्रिकेट को झकझोर दिया था लेकिन अब यह मुद्दा अगले सप्ताह सुलझ जाने की पूरी संभावना है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नैतिक अधिकारी सेवानिवृत्त न्यायाधीश डीके जैन ने शुक्रवार को कहा कि यह मुद्दा अगले सप्ताह सुलझ जाएगा। इस बीच बीसीसीआई और उसका संचालन देख रही प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा है कि उन्हें द्रविड़ की स्थिति से कोई समस्या नहीं है। राय ने कहा,‘‘ जहां तक बीसीसीआई का संबंध है उसके लिये यह हितों के टकराव का मामला बिल्कुल नहीं है। मध्यप्रदेश के शिकायतकर्ता को कोई गलतफहमी हुई है। बीसीसीआई को इससे कोई परेशानी नहीं है।’’ डीके जैन ने एक बाहरी शिकायत के आधार पर गत बुधवार को द्रविड़ को हितों के टकराव को लेकर नोटिस भेजा था।
उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर कोई फैसला करने से पहले द्रविड़ के इंतजार का फैसला करेंगे। बोर्ड के नैतिक अधिकारी एवं लोकपाल न्यायमूर्ति डीके जैन ने मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर यह कदम उठाया है। गुप्ता की शिकायत थी कि द्रविड़ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशिक हैं और इंडिया सीमेंट में उपाध्यक्ष भी हैं जो इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक है।
न्यायाधीश जैन ने कहा,‘‘ मुझे इस बात की जानकारी है कि द्रविड़ को एनसीए से जुड़ने के लिये एनसीए से जुड़ने के लिये मंजूरी मिल गयी थी। मैं इस मामले में कोई भी फैसला तब करूंगा जब मुझे द्रविड़ की ओर से उनका जवाब मिल जाएगा। यह जवाब संभवत: अगले सप्ताह आ जाएगा।’’ पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने द्रविड़ को ऐसा नोटिस भेजे जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा था कि भारतीय क्रिकेट को अब भगवान ही बचा सकता है जबकि ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी इस तरह नोटिस भेजे जाने की कड़ी आलोचना की थी। इस बीच पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने भी कहा है कि हर पेशे में हितों का टकराव होता है और इससे निपटना आपका काम है।