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वर्ल्‍ड कप का पहला सेमीफाइनल कल - पहली बार कीवियों से भिड़ेगी टीम इंडिया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 8 2019 6:23PM | Updated Date: Jul 8 2019 6:26PM
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मैनचेस्टर। करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों का भार लिए विराट एंड कंपनी मंगलवार को आईसीसी विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबले का टिकट हासिल करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी। दो बार की चैंपियन भारतीय टीम विश्वकप के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी जबकि दूसरे सेमीफाइनल में क्रिकेट इतिहास के दो सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वियों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मुकाबला होगा।
 
पहली बार विराट की कप्‍तानी में...
भारत विराट की कप्तानी में पहली बार आईसीसी विश्वकप में उतर रहा है और उसका प्रदर्शन लाजवाब रहा है। ग्रुप चरण में टीम ने केवल एक मैच हारा था और वह आखिरी ग्रुप मैच में श्रीलंका पर सात विकेट की जीत और दक्षिण अफ्रीका की ऑस्ट्रेलिया पर 10 रन की रोमांचक जीत के चलते तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा है। 
 
पहली बार सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मुकाबला 
वहीं आईसीसी वनडे रैंकिंग में भी भारतीय टीम शीर्ष पर है और उसकी मौजूदा फार्म को देखते हुए उम्मीद है कि विराट एंड कंपनी विश्वकप-2019 में चैंपियन बनकर लौटेगी। यह 12वां विश्वकप है और यह पहला मौका है जब भारतीय टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से खेलेगी। 
 
वर्ल्‍ड कप में पहली बार आमने-सामने 
भारत का इस विश्वकप में लीग दौर में न्यूजीलैंड के साथ मुकाबला बारिश के कारण धुल गया था इस तरह दोनों टीमें मैदान पर पहली बार आमने-सामने होंगी और मुकाबला भी सेमीफाइनल का होगा। 
 
सातवीं बार सेमीफाइनल में पहुंची टीम इंडिया 
भारत विश्वकप के सेमीफाइनल में सातवीं बार पहुंचा है जबकि न्यूजीलैंड की टीम आठवीं बार सेमीफाइनल में पहुंची है। केन विलियम्सन की कप्तानी में न्यूजीलैंड टीम ने भी विश्वकप अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन एक समय ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद वह पटरी से उतर लय खो बैठी। अंतत: उसने चौथे नंबर पर रहकर 11 अंकों के साथ उसने अंतिम चार में जगह बनाई। टीम के लिए राहत की बात रही कि पाकिस्तानी टीम उससे रनरेट में पिछड़ गई जिसके उसी के समान 11 अंक थे।  
 
दोनों दिग्‍गज टीमें... 
भारतीय टीम ने अपने ग्रुप चरण में हरफनमौला खेल दिखाया है और मौजूदा फार्म को देखते हुए उसका पलड़ा कीवी टीम पर भारी कहा जा सकता है, लेकिन दोनों टीमें विश्वकप में पहली बार एक-दूसरे से भिड़ रही हैं ऐसे में ओल्ड ट्रेफर्ड में होने वाले इस मुकाबले में किसी को कम नहीं आंका जा सकता है। 
 
टीम इंडिया को चार नंबर पर परेशानी 
टीम इंडिया के खिलाड़ि‍यों ने व्यक्तिगत रूप से टूर्नामेंट में बढ़िया प्रदर्शन किया है जबकि बतौर टीम एकजुट होकर वह सबसे मजबूत मानी जाती है। हालांकि नंबर चार के क्रम को लेकर उसे विश्वकप में भी काफी परेशानी हुई, वहीं मध्यक्रम में उसे थोड़ी और सावधानी बरतनी होगी। टीम के बड़े स्कोररों में उसके ओपनर रोहित शर्मा और विराट कोहली की जोड़ी है। 
 
रोहित का शानदार प्रदर्शन 
रोहित ने आठ मैचों में 92.42 के औसत से पांच शतक सहित 647 रन बनाये हैं और एक विश्वकप में सर्वाधिक शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गये हैं जबकि उनके जोड़ीदार विराट आठ मैचों में पांच अर्धशतक लगाकर 442 रन बनाकर दूसरे शीर्ष स्कोरर हैं।
 
धोनी की फार्म चिंता का सबक 
यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया रनों के लिहाज से इन दोनों बल्लेबाजों पर काफी निर्भर है। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी की फार्म भी कुछ परेशानी भरी रही है जिन्होंने निचले क्रम पर धीमी बल्लेबाजी की। हालांकि अहम मौकों पर धोनी हमेशा कारगर साबित हुए हैं। उन्होंने अपने आठ मैचों में नाबाद 56 रन के एकमात्र अर्धशतक सहित 223 रन बनाये हैं। 
 
कमियों को दूर कर उतरेगा भारत 
लोकेश राहुल टीम के अन्य अहम स्कोरर हैं जिन्होंने 51.42 के औसत से 360 रन बनाए हैं और अन्य उपयोगी स्कोररों में हैं। लेकिन उनके प्रदर्शन में भी कई बार निरंतरता का अभाव दिखता है। वर्ष 2015 विश्वकप की उपविजेता भारतीय टीम को अपनी इन खामियों को दूर करते हुए अगले अहम मुकाबले में उतरना होगा।
 
पांड्या से काफी उम्‍मीदें 
भारतीय बल्लेबाजी क्रम में कई अहम स्कोरर हैं और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी इनमें से एक हैं। पांड्या आक्रामक बल्लेबाज हैं लेकिन नाजुक स्थिति में उनसे संयमित पारी की उम्मीद रहेगी, अपने आठ ग्रुप चरण के मैचों में उन्होंने 194 रनों से योगदान दिया है जिसमें 48 रन उनकी सबसे बड़ी पारी है। वहीं गेंदबाजी में भी पांड्या का अहम योगदान रहा है और उन्होंने 5.68 के इकोनोमी रेट से नौ विकेट निकाले हैं। 
 
टीम की बड़ी ताकत बुमराह 
टीम की बड़ी ताकत उसका गेंदबाजी क्रम है जिसकी अगुवाई जसप्रीत बुमराह के हाथों में दिखती है। तेज गेंदबाज ने अब तक टीम के लिये कमाल का प्रदर्शन करते हुये 4.48 के इकोनोमी रेट से 17 विकेट निकाले हैं और टीम के सबसे सफल गेंदबाज भी हैं। 
 
शमी का शानदार गेंदबाजी 
श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 10 ओवर में 37 रन पर तीन विकेट निकाले थे। डैथ ओवरों में बुमराह को सबसे खतरनाक माना जाता है। हालांकि जिस गेंदबाज ने अपने प्रदर्शन से चौंकाया है वह मोहम्मद शमी हैं। अनुभवी तेज गेंदबाज ने मात्र चार मैचों में ही 14 विकेट निकाले हैं। शमी को आखिरी ग्रुप मैच में श्रीलंका के खिलाफ आराम दिया गया था और उनकी मौजूदा फार्म को देखते हुए उम्मीद है कि टीम प्रबंधन महत्वपूर्ण सेमीफाइनल मैच में शमी से इसी करिश्मे की उम्मीद करेगा।   
 
ट्रेंट बोल्ट और लॉकी फग्यूर्सन अहम 
न्यूजीलैंड की टीम भी यदि अपने तेज गेंदबाजों के भरोसे उतरेगा तो ट्रेंट बोल्ट (15 विकेट) और फिट हो चुके तेज गेंदबाज लॉकी फग्यूर्सन (17 विकेट) अहम होंगे जिनके निशाने पर भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाज होंगे। हालांकि कीवी टीम को भारत जैसी मजबूत टीम का सामना करने के लिए व्यापक सुधार की जरूरत होगी जिसने आखिरी तीन ग्रुप मैचों में पाकिस्तान, गत चैंपियन आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों शिकस्त झेली है।
 
विलियम्सन के भरोसे विलियम्सन 
कीवी टीम रनों के लिए भी अपने कप्तान विलियम्सन पर सबसे अधिक निर्भर दिखती है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ शतकीय पारियां खेलीं और 481 रनों के साथ टीम के शीर्ष स्कोरर हैं। विलियम्सन को छोड़ दें तो कीवी टीम की बल्लेबाजी काफी कमजोर है और रॉस टेलर (261 रन) तथा जेम्स नीशम (201 रन) ही अन्य शीर्ष स्कोरर हैं।  कीवी टीम का शीर्ष क्रम विलियम्सन को छोड़कर मजबूत नहीं दिखता है और उसने पावरप्ले में 13 विकेट गंवाए हैं जो किसी टीम का काफी खराब रिकार्ड है। ऐसे में कीवी टीम के लिये भारत जैसी मजबूत टीम को पराजित करना निश्चित ही बड़ी चुनौती होगा। 
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