नई दिल्ली। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स ने अजिंक्य रहाणे को कप्तानी से हटाकर ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ को इस सीजन के शेष बचे मैचों के लिए टीम की कमान सौंपी और उनके इस निर्णय से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) हैरान है। दक्षिण अफ्रीका में पिछले वर्ष हुए सैंडपेपर विवाद के बाद क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा था कि स्मिथ अगले दो वर्षो तक सभी अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू टूर्नामेंट में कप्तानी नहीं कर पाएंगे।
स्मिथ के क्रिकेट खेलने पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था,जो अब समाप्त हो चुका है। बीसीसीआई के अधिकारी ने माना कि बोर्ड ने सीए के निर्णय को ध्यान में रखकर डेविड वार्नर और स्मिथ को अईपीएल के पिछले सीजन में खेलने की इजाजत नहीं दी थी। इसलिए, स्मिथ को कप्तान बनाने से पहले राजस्थान को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए था।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, प्रशासकों की समिति (सीओए) ने खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय को ध्यान में रखकर उन्हें आईपीएल के पिछले संस्करण में हिस्सा नहीं लेने दिया था। तो उनकी कप्तानी पर लगाए गए प्रतिबंध का क्या हुआ? क्या वह भी इस फैसले का हिस्सा नहीं है? या सीए के फैसले पर केवल अपनी सुविधा के अनुसार अमल किया जाएगा। सीओए को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और फ्रेंचाइजी को उत्तर भी देना होगा।
आईपीएल के पिछले संस्करण में स्मिथ और वार्नर पर प्रतिबंध लगाते हुए सीओए ने कहा था, बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के खन्ना, आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के साथ परामर्श करने के बाद सीओए ने स्मिथ और वार्नर के आईपीएल 2018 में भाग लेने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। बीसीसीआई को उम्मीद है कि आईपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के मन में क्रिकेट की भावना और खिलाड़ियों एवं मैच अधिकारियों के लिए बनाई गई आचार संहिता के प्रति सर्वोच्च सम्मान है।