मुंबई। कुछ महीने पहले तक युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत का विश्वकप टीम के लिए दावा पक्का माना जा रहा था लेकिन अंत में दिनेश कार्तिक का दबाव में खेलने का अनुभव पंत पर भारी पड़ गया और वह विश्वकप का टिकट ले उड़े। कार्तिक को भारतीय विश्वकप टीम में दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में शामिल किया गया है और जरूरत पड़ने पर वह विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में अंतिम एकादश में खेल सकते हैं। हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोटिंग और पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने पंत को विश्वकप टीम में रखने की वकालत की थी लेकिन चयन समिति ने कार्तिक के अनुभव पर भरोसा किया।
कार्तिक वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने पिछले साल निदहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर छक्का मारकर भारत को खिताबी जीत दिलाई थी। चयनकर्ता प्रमुख एमएसके प्रसाद ने विश्वकप टीम की घोषणा करते हुए कहा - कार्तिक दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने के अनुभव के चलते चयनकर्ताओं की पसंद बन गये।’’हालांकि पंत कुछ समय पहले तक भारतीय कप्तान विराट कोहली की भी पसंद माने जा रहे थे।
प्रसाद ने कहा - यदि प्रमुख विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी चोटिल हो जाते तो पंत या कार्तिक में से किसी एक को अंतिम एकादश में खेलना था। ऐसी स्थिति में और महत्वपूर्ण मैचों में दबाव झेलने के लिये कार्तिक एक बेहतर खिलाड़ी थे। यही कारण थे कि हमने उन्हें चुना। पंत में भरपूर प्रतिभा है और उनके पास आगे भी समय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंत विश्वकप टीम में जगह नहीं बना सके। हमें कार्तिक को दबाव में टीम को मैच जिताते देखा है और यही बात उनके पक्ष में गयी।