नई दिल्ली। कई बड़े उद्योगपतियों ने क्षमता से अधिक का लोन लेने के बाद खुद को दिवालिया घोषित करने के बाद अब इन कंपनियों की नीलामी सरकार के लिए चुनौती बन गई है। वजह है नीलामी से जुड़े सख्त कानून व शर्तें। अब सरकार इन शर्तों व कानून को लेकर एक बार फिर से विचार कर रही है और इन्हें आसान बनाने के लिए प्रयास कर रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार इसके लिए इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानी आईबीसी में जरुरी बदलाव करने जा रही है। सरकार आईबीसी की शर्तों में ढील देने की तैयारी कर रही है जिसके तहत डिफाल्टर से सीधे कारोबारी संबंध रखने वालों के लिए मनाही होगी जबकि डिफाल्टर से संबंध रखने वालों को भी बोली लगाने का अधिकार मिल सकता है। सरकार का मानना है कि नियमों में ढील देने से डिफाल्टर कंपनी के लिए ज्यादा बोलियां आ सकेंगी जिससे बैंको को दिवालिया कंपनी की बेहतर कीमत मिल सकेगी। सरकार आईबीसी के सेक्शन 29(अ) में बदलाव का प्रस्ताव है। इंसोल्वेंसी लॉ कमेटी जल्द रिपोर्ट सौपेगी जिसके बाद ही अंतिम फैसला किया जाएगा।