26 Apr 2024, 04:16:33 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

9063 लोगों के पास फंसा सरकार का 1.10 लाख करोड़ रुपए, जानिये क्यों नहीं चुका रहे पैसा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 10 2018 2:26PM | Updated Date: Mar 10 2018 2:26PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक से की गई करोड़ो रुपए की धोखाधड़ी के बाद अब सरकार ने बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। सरकार ने बताया कि अप्रैल 2017 से दिसंबर 2017 तक विलफुल डिफॉल्टरों की संख्या में 1.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। विलफुल डिफॉल्टर वो लोनधारक होते हो जिनके पास क्षमता तो होती है लोन चुकाने की लेकिन व जानबूझकर लोन नहीं चुकाते है। सरकारी बैंकों का 1.10 लाख करोड़ का लोन विलफुल डिफॉल्टर्स नहीं चुका रहे हैं।

वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि सरकारी बैंकों से लिए हुए कर्ज, जिसे विलफुल डिफॉल्टर्स नहीं चुका पा रहे हैं, की कुल राशि 1,10,050 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि विलफुल डिफाल्टर्स की संख्या 9,063 थी। चालू वित्त वर्ष के शुरूआती 9 महीनों के दौरान विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में 1.66 फीसदी का उछाल आया है। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (आरबीआई) के नियमों के अनुसार, ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ दंड और आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान हैं। शुक्ला ने कहा कि बाजार नियामक सेबी ने विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए कुछ नियम भी जारी किए हैं क्योंकि प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स फंड जुटाने के लिए कैपिटल मार्केट तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। विलुप्त डिफॉल्टर्स को रेजल्युशन प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने के लिए दिवाला और दिवालियापन कोड 2016 में संशोधन प्रभावी कर दिया गया है। शुक्ला ने कहा, '31 दिसंबर 2017 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ 2,108 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »