नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के निजीकरण की तैयारी पूरी हो चुकी है। एयर इंडिया को निजी हाथों में सौंपने के लिए इसे 4 भागों में बांटा गया है- एआई-एआई एक्सप्रेस-एआई सैट्स, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट, इंजीनियरिंग यूनिट और अलायंस एयर और सभी को अलग-अलग बेचा जाएगा। इंडिगो एयरलाइंस और एक विदेशी एयरलाइंस एयर इंडिया को खरीदने की होड़ में सबसे आगे हैं। इंडिगो ने एयर इंडिया के विदेशी सेवाओं एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को खरीदने में रुचि दिखाई है। टाटा संस-सिंगापुर एयरलाइंस जेवी विस्तारा भी एयर इंडिया को खरीद सकती है। सूत्रों ने बताया कि जिस विदेशी कंपनी ने विनिवेश नियमों के अनुसार सरकार के पास 49 फीसदी हिस्सा खरीदने की इच्छा जताई है वो कोई जानी-मानी एयरलाइन कंपनी नहीं है और इस कंपनी को हिस्सेदारी बेचा जाए या नहीं इसपर अभी नजरिया साफ नहीं है। इसके अलावा जेट एयरवेज की निगाहें भी एयर इंडिया की लगने वाली बोली पर लगी है। जबकि कतर एयरवेज ने भी हाल में भारत में बिजनेस शुरू करने की इच्छा जाहिर की थी। इस वजह से हो सकता है कि एयर इंडिया के खरीदारों की दौड़ में कतर एयरवेज भी शामिल हो। सरकार ने जून के आखिर में एयर इंडिया की बिक्री शुरू करने की योजना बनाई है और दिसंबर के आखिर तक इसकी प्रक्रिया पूरी कर लेने की उम्मीद है।