मुंबई। लागत मूल्य में लगातार 29वें महीने रही तेजी के कारण भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में सुस्त रही हैं। फरवरी में इसका निक्की पर्चेंिजग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) घटकर 52.1 रह गया। इससे पहले जनवरी में सूचकांक 52.4 रहा था। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में तेजी और इससे नीचे रहना गिरावट दर्शाता है। निक्की माह दर माह के आधार पर आँकड़े जारी करता है। निक्की की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में भी स्टील, केमिकल और ईंधन के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ी है, जिससे लागत मूल्य बढ़ा है। निर्माताओं ने आलोच्य माह के दौरान अपने उत्पाद की कीमत बढ़ा दी, जिससे मुद्रास्फीति लगातार सातवें महीने बढ़ी है। माह के दौरान अनुकूल आर्थिक परिस्थतियों और नए आॅर्डर आने से विनिर्माण क्षेत्र का सूचकांक अधिक नहीं गिर पाया है।
नये निर्यात आॅर्डर लगातार चौथे माह बढ़े हैं । हालांकि इनकी तेजी जनवरी के मुकाबले कम है। जनवरी में नये निर्यात आर्डर 16 माह के उच्चतम स्तर पर थे। मांग आने के कारण भर्ती प्रक्रिया भी फरवरी में बढ़ी है। रिपोर्ट की लेखिका और आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्री आशना डोढिया ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर के प्रभाव के क्षीण होने के बीच भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के वृद्धि के दायरे में बने रहना अच्छा है। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि की मुख्य वजह उत्पादन बढ़ना है, वहीं घरेलू और विदेशी बाजारों से मांग बढ़ने की रिपोर्ट मिली है जिससे कारोबारों को लाभ हुआ है।