हैदराबाद। पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले की पूरी जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी एसोसिएशन (एआईबीईए) ने की है। एआईबीईए के महासचिव सी वेंकटाचलम ने सोमवार को कहा कि इस मामले की पूरी जांच होने तक बैंक के शीर्ष प्रबंधन को बैंक परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा कि इस मामले के सूत्रधार अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और उसके सहयोगियों को विदेशों से प्रत्यर्पित कर भारत लाकर उन पर मुकदमा चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बैंकों को अपने ऋणों की वापसी के लिए कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है और गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के तौर पर नुकसान उठाना पड़ रहा है तो ऐसे में नीरव मोदी जैसे लोगों ने इतने बडेÞ घोटाले को अंजाम देकर बैंकों को लूटने की कॉर्पोरेट जगत की प्रवृति का खुलासा कर दिया है। वेंकटाचलम ने कहा कि इस घोटाले की गंभीरता को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इतना बड़ा घोटाला बडे लोगों की शह के बिना संभव नहीं था क्योंकि छह से सात वर्ष की अवधि में बैंक की शाखा के एक अधिकारी ने 11,400 करोड़ रुपए के ‘लैटर आफ अंडरस्टेंडिंग’ कैसे जारी कर दिए। यह भी नहीं माना जा सकता है कि इस रैकेट में किसी और का हाथ नहीं है और कम से कम नीरव मोदी की जानकारी के बिना तो यह संभव नहीं हुआ होगा क्योंकि उसी के पक्ष में ये एलओयू जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस पूरे घोटाले से तकनीकी मामलों, निगरानी, आॅडिट, आंतरिक नियंत्रण और भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका को लेकर भी सवाल उठते हैं और इसकी गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच कराई जानी आवश्यक हैं।