नई दिल्ली। KPMG(इंडिया) के 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों के विचार लिए गए हैं। सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपए से आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करने वाले ‘सुपर रिच’ लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है।
10 करोड़ रुपए से अधिक कमाई करने वाले लोगों पर 40% टैक्स
होम लोन के ब्याज पर बढ़ सकती है टैक्स कटौती की लिमिट- सर्वे में 13 प्रतिशत की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर-एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए। घरों की मांग बढ़ाने के वास्ते 65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि बजट में खुद के रहे जाने वाले मकान यानी सेल्फ आॅक्युपाइड प्रॉपर्टीज पर होम लोन पर ब्याज के लिए टैक्स कटौती सीमा को दो लाख रुपए से आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार होम लोन कर्ज की मूल राशि के रिपेमेंट पर धारा 80 सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपए की टैक्स कटौती सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है।
53% को डायरेक्ट टैक्स में बदलाव की उम्मीद नहीं- हालांकि, 53 प्रतिशत लोगों की राय यह भी थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में डायरेक्ट टैक्सेज में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी। वहीं 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत नहीं किया जाना चाहिए। उद्योग मंडल कंपनी कर की दर कम करने की मांग कर रहे हैं।