नई दिल्ली। आरबीआई ने गुरुवार को जारी अपने विजन डॉक्यूमेंट में कहा है कि वो रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट और नेशनल इलेक्ट्रोनिक फंड ट्रांसफर के अभी चल रहे समय को बढ़ाना चाहती है। अभी आरटीजीएस और एनईएफटी करने के लिए एक समय होता है। इस समय के पश्चात बैंक अगले दिन ऐसा करते हैं। आरबीआई ने कहा है कि एनईएफटी का समय बढ़ाने से पहले इसका परीक्षण करना जरूरी है। अभी एनईएफटी दो घंटे के अंतराल पर बैंकिंग समय के दौरान होता है। यह सुविधा रविवार और शनिवार के अवकाश के दिन बंद रहती है। इसके अलावा जिस दिन बैंक का अवकाश रहता है, उस दिन भी नहीं होता है।
एसबीआई में लगता है 25 रुपए तक चार्ज
देश के सबसे बैंक एसबीआई में एनईएफटी करने वाले ग्राहकों को 2.5 रुपए से लेकर के 25 रुपए तक का अतिरिक्त चार्ज देना होता है। बैंक 10 हजार रुपए तक 2.5 रुपए, 10 हजार से एक लाख रुपए तक पांच रुपए, एक से दो लाख रुपए तक 15 रुपए और दो लाख रुपए से अधिक के फंड ट्रांसफर पर 25 रुपए चार्ज लेता है। अन्य बैंक भी इसी तरह का चार्ज लेते हैं। बैंक ने कहा है कि जहां एक तरफ स्मार्टफोन का प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है, वहीं फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग भी कम नहीं हैं। ऐसे में उनको भी तेज गति वाली भुगतान प्रणाली से जोड़ना होगा, जिस पर काफी काम किया जाना बाकी है। रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन चार गुना से भी अधिक बढ़कर 8,707 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। रिजर्व बैंक ने ''भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली: विजन 2019- 2021'' दस्तावेज को जारी करते हुए देश में ई- भुगतान के अनुभव को बेहतर बनाने और उच्च डिजिटल और कम नकदी वाला समाज बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है।