जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के युवा अब बस्तर बटालियन के माध्यम से आतंक व हिंसा का पर्याय बन चुके नक्सलियों से लोहा लेंगे। सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के सफाये के लिये देश में पहली बार बस्तर के स्थानीय युवक-युवतियों की केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में नियुक्ति कर एक बस्तरिया बटालियन बनायी गई है। इस बटालियन को अम्बिकापुर में सीआरपीएफ ट्रेंिनग सेंटर से छह माह का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इस बटालियन के 185 आदिवासी युवतियों समेत 750 जवानों की शीघ्र ही संवेदनशील क्षेत्रों में नियुक्ति की जाएगी। बस्तर में सीआरपीएफ लंबे समय से यहां नक्सल विरोधी अभियान में कार्य कर रही है।
देश के विभिन्न राज्यों से आए जवानों को बोली-भाषा, स्थानीय संस्कृति तथा भौगोलिक विषमता के चलते बल को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ में स्थानीय आदिवासी युवाओं की भर्ती करने तथा पृथक बस्तरिया बटालियन के गठन करने का निर्णय लिया था। इसके बाद बल के नियमों को शिथिल करते हुए सीने के माप व हाइट में छूट दी गई थी। दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा व नारायणपुर के आदिवासी युवक-युवतियों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। उन्हें भर्ती पूर्व थाना स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया गया था। शारीरिक परीक्षण, लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार की प्रक्रिया के उपरांत 750 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया।