23 Apr 2024, 17:17:32 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

विवाह की मनौती मांगने के कारण तमता का मेला अनोखा मेला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 11 2020 2:49PM | Updated Date: Jan 11 2020 2:50PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिलें में तमता पहाड़ पर महाभारत काल का पौराणिक महत्व और बुढ़ादेव की याद में आयोजित होने वाला आस्था का तीन दिवसीय मेला शनिवार को प्रारम्भ हो गया।  यहां पहुंच कर युवक युवतियों द्वारा अपने विवाह की मनौती मांगने के कारण तमता पहाड़ का मेला छत्तीसगढ़ में अपने ढंग का अनोखा मेला माना जाता हैं। विवाह की मनौती पूरी होने पर श्रद्धालु बुढ़ादेव के पास फिर से पहुंच कर उसे धन्यवाद देना नहीं भूलते।
 
यही कारण है कि तमता पहाड़ का तीन दिवसीय मेला दूर दूर तक प्रसिद्ध है। यहां पर जशपुर, सरगुजा और रायगढ़ जिले के श्रद्धालुओं की भीड़ के मददेनजर स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। तमता के केशला पाठ पर आयोजित होने वाला पूजा स्थल तथा मेला की व्यवस्था को सुचारू ढंग से करने में स्थानीय लोगों की भी सराहनीय भूमिका रहती है। इस बार तमता की महिला सरंपच श्रीमती उत्तरा बाज और प्रमुख महिला नेत्री श्रीमती राजश्री ठाकुर ने तमता के लोगों से मिल कर मेला व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए अलग अलग जिम्मेदारी सौंप दी है।
 
पत्थलगॉंव से लगभग 22 कि.मी. की दूरी पर स्थित तमता गांव में केशला पहाड़ पर आयोजित होने वाला इस मेला की अलग पहचान कायम हो गई हैं । यहां पर पौष पुर्णिमा के दूसरे दिन सबसे पहले ग्राम बालाझार के बैगा सरदार सिंह पूजा सामग्री लेकर तड़के 4 बजे अपने साथ गांव के बुजुर्ग लोगों की मंड़ली के साथ पहाड़ के ऊपर जाकर प्राचीन परंपराओं के साथ बुढ़ा देव की पूजा अर्चना करते है।
 
इस दिन भारी तादाद में लोग उंचे पहाड़ पर पहुंच कर पूजा अर्चना के बाद मनौती का नारियल बांध कर अपनी अपनी मनोकामना को रखते है। तमता की सरपंच श्रीमती उत्तरा बाज ने बताया कि यहां का पहाड़ मेला की पृष्ठभूमि में महाभारत काल की घटना से जोड़ा गया है, जो ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक एवं पारंपरिक मान्यता और गतिविधियों का अभूतपूर्व संयोग माना जाता है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »